RBI Governor Shaktikanta Das said this Regarding Inflation : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) आगे के नीतिगत कदम पर तभी विचार कर सकता है, जब RBI को सकल मुद्रास्फीति (Inflation) के चार प्रतिशत पर स्थिर रहने का भरोसा हो।
मुद्रास्फीति दर को चार प्रतिशत के लक्ष्य के अनुरूप लाना केंद्रीय बैंक का मुख्य उद्देश्य है। जब तक RBI को मुद्रास्फीति (Inflation) के इस लक्ष्य के नीचे रहने का भरोसा नहीं होता, तब तक दरों पर कोई कार्रवाई संभव नहीं है।
उक्त बातें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कही हैं।
RBI के अनुमानों के मुताबिक, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर तिमाही में 3.8 प्रतिशत पर आयी है, लेकिन बाद में फिर से बढ़कर पांच प्रतिशत पर पहुंच रही है।
दास ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति को लक्ष्य के अनुरूप होना चाहिए और एक बार यह चार प्रतिशत पर पहुंच जाये, तब इस वहीं रहना चाहिए।
जब हमें भरोसा हो जायेगा कि यह चार प्रतिशत पर स्थिर रहेगी और आगे नहीं बढ़ेगी, तब हम आगे की मौद्रिक नीति कार्रवाई के बारे में सोच सकते हैं। रेपो रेट फरवरी 2023 से ही 6.5 प्रतिशत पर स्थिर बनी हुई है।
गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा कि वृद्धि और मुद्रास्फीति का सफर उम्मीदों के अनुरूप आगे बढ़ रहा है, लेकिन यह चार प्रतिशत की तरफ यात्रा का अंतिम पड़ाव है, जो सबसे मुश्किल या पेचीदा होगा।
उन्होंने अमेरिकी फेडरल रिजर्व के कदमों से RBI के नीतिगत कदम को अलग रखे जाने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि रिजर्व बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में कटौती करने का विकल्प चुनने पर भी दर में कटौती नहीं कर सकता है।
आर्थिक वृद्धि के मोर्चे पर डिप्टी गवर्नर Michael Patra ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के उच्च आधार-प्रभाव की वजह से चालू वित्त वर्ष के लिए 7.2 प्रतिशत का वृद्धि अनुमान थोड़ा कम है, लेकिन अर्थव्यवस्था में वृद्धि की रफ्तार बहुत अधिक है।