आईटी नियमों का पालन नहीं करने वाले डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म के खिलाफ कार्रवाई पर रोक से इनकार

Newswrap

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने कुछ डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म को नए आईटी रुल्स का पालन नहीं करने पर उनके खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।

चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस याचिका पर केंद्र सरकार को 20 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

सुनवाई के दौरान आईटी रुल्स को चुनौती देनेवाले तीन मीडिया संगठनों की ओर से वकील नित्या रामकृष्णन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि मीडिया पर सरकार का नियंत्रण स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने याचिका का अबतक जवाब नहीं दिया है।

तब केंद्र की ओर से एएसजी चेतन शर्मा ने कहा कि बारह सौ डिजिटल मीडिया पब्लिशर्स ने अपनी सूचना उपलब्ध कराई है लेकिन ये क्यों नहीं उपलब्ध करा रहे हैं।

तब नित्या रामकृष्णन ने कहा कि ये ध्वनिमत का मामला नहीं है। हमने आईटी रुल्स को चुनौती दी है, उन्होंने नहीं दी है। केंद्र सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की।

उसके बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार को जवाब देने के लिए समय देते हुए मामले की अगली सुनवाई 20 अगस्त को करने का आदेश दिया।

सुनवाई के दौरान नित्या रामकृष्णन ने कहा कि हमें अगली सुनवाई तक निरोधात्मक कार्रवाई से राहत मिलनी चाहिए। केंद्र सरकार ने अपना जवाब भी दायर नहीं किया है।

कोर्ट ने इस दलील को खारिज करते हुए आईटी रुल्स का पालन नहीं करने पर किसी भी निरोधात्मक कार्रवाई से राहत देने से इनकार कर दिया है।

पिछले 28 जून को कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने इस मामले में कोई भी अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था।

इसके पहले 21 जून को जस्टिस अनूप जयराभ भांभानी ने इस याचिका पर सुनवाई करने से खुद को अलग कर दिया था।

डिजिटल मीडिया संगठनों की ओर से वकील नित्या रामकृष्णन ने कहा था कि नई आईटी रुल्स में न्यूज मीडिया को अतिरिक्त रेगुलेटरी व्यवस्था से गुजरना होगा।

उन्होंने कहा था कि मीडिया संगठनों को आईटी रुल्स के खंड तीन के तहत निरोधात्मक कार्रवाई से छूट मिलनी चाहिए।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फिलहाल आईटी रुल्स पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा था कि अगर मीडिया संगठनों के खिलाफ कोई निरोधात्मक कार्रवाई होती है तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र हैं।

याचिका में कहा गया है कि नया आईटी रुल्स मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। आईटी रुल्स मीडिया के न्यूज कंटेंट को रेगुलेट करने की कोशिश है। या

चिका में कहा गया है नए आईटी रुल्स से प्रेस काउंसिल एक्ट और प्रोग्राम कोड का महत्व खत्म हो गया है।

याचिका में आईटी रुल्स की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है। ये रुल्स संविधान की धारा 19(1)(ए) और धारा 14 का उल्लंघन है।