नई दिल्ली: विश्व की सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन योजना, प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) ने 7 वर्ष पूरे कर लिए हैं।
इस योजना से देश के करोड़ों वंचितों और जरूरतमंद लोगों की सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित हो रही है।
पीएमजेडीवाई के तहत बैंक खाताधारकों की संख्या बढ़कर 43 करोड़ हो गई है, जिनके खातों में जमा राशि बढ़कर 1.46 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गई है।
वित्त मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि सरकार की प्रमुख वित्तीय समावेशन योजना के क्रियान्वयन के 7 वर्ष पूरे हो गए हैं।
पीएमजेडीवाई की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2014 को की थी, जिसे 28 अगस्त 1914 को शुरू किया गया था।
इस राष्ट्रीय मिशन की शुरुआत वित्तीय सेवाओं यानी बैंकिंग, धन भेजने की सुविधा, ऋण, बीमा, पेंशन जैसी सुविधाओं तक लोगों की आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए किया गया था।
वित्त मंत्रालय ने जारी बयान में कहा कि अर्द्ध-शहरी और ग्रामीण इलाकों में पीएमजेडीवाई खाताधारकों की कुल संख्या 18 अगस्त 2021 तक 43.04 करोड़ हो गई है।
इसमें से 55.47 फीसदी या 23.87 करोड़ खाताधारक महिलाएं और 66.69 फीसदी यानी 28.70 करोड़ खाताधारक पुरुष हैं।
इस योजना के पहले वर्ष में कुल 17.90 करोड़ जन-धन खाते खोले गए थे। कुल 43.04 करोड़ खातों में से 36.86 करोड़ यानी 85.6 फीसदी खाते सक्रिय हैं, जिसमें प्रति खाता औसत राशि 3,398 रुपये जमा है।
कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने प्रधानमंत्री जन धन खाते में बहुत से लोगों को 500-500 रुपये की मदद ट्रांसफर की है।
इसके साथ ही सरकार ने हर व्यक्ति तक बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बैंक मित्र की नियुक्ति की।
बैंक मित्र उन इलाके में लोगों को बैंकिंग सुविधाएं देते हैं जहां बैंक की शाखा या एटीएम उपलब्ध नहीं है।
राज्यों के मुताबिक देशभर में करीब सवा लाख से अधिक बैंक मित्र लोगों तक बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाने में जुटे हैं।
मंत्रालय ने कहा कि औसत जमा में वृद्धि खातों के बढ़ते उपयोग और खाताधारकों में बचत की आदत का एक और संकेत है।
प्रधानमंत्री जन-धन खाताधारकों को जारी रूपे कार्ड की संख्या 31.23 करोड़ पर पहुंच गई है।
28 अगस्त 2018 से रूपे कार्ड पर मुफ्त दुर्घटना बीमा कवर एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया गया है।
इस तरह कुल मिलाकर प्रधानमंत्री जन धन खाताधारक 2.30 लाख रुपये का लाभ मिलता है।
उल्लेखनीय है कि किसी भी बैंक में प्रधानमंत्री जन-धन खाता खुलवाने पर खाताधारकों को एक्सीडेंटल इंश्योरेंस कवर दिया जाता है।
खाताधारकों को 1 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा और साथ में 30 हजार रुपये का जनरल इंश्योरेंस दिया जाता है।
इसके अलावा हादसे में खाताधारक की मौत होने पर उसे 2 लाख रुपये दिए जाते है। इस लिहाज से खाताधारक को 2.30 लाख रुपये तक मिलते हैं।
इस योजना के तहत जन-धन खाता सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में ज्यादा खोला जाता है, लेकिन आप प्राइवेट सेक्टर के बैंक में भी अपना जन-धन अकाउंट खोल सकते हैं।