मुंबई: शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत ने केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आदेश का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा में आए बाहरी लोग भाजपा-शिवसेना के बीच तनाव बढ़ा रहे हैं।
भाजपा-शिवसेना के बीच वैचारिक मतभेद इससे पहले भी हुए हैं, लेकिन कभी भी दोनों दलों के कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे पर हमला नहीं किया था और ना ही कार्यालयों की तोड़फोड़ की थी।
संजय राऊत ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने नए मंत्रियों को जन आशीर्वाद यात्रा के जरिए केंद्र की योजनाओं की जानकारी देने और उनकी समस्याओं को जानने के लिए कहा था।
इसलिए बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश सहित सभी राज्यों में जन आशीर्वाद यात्रा चल रही है, लेकिन कहीं भी किसी तरह का तनाव पैदा नहीं हुआ।
महाराष्ट्र में नारायण राणे ने मंत्री बनने के बाद अपनी पुरानी खुंदक निकालना शुरू किया और मुख्यमंत्री को मारने की बात करने लगे। इसी तरह भाजपा में आए एक नेता ने शिवसेना कार्यालय तोड़ने की धमकी दी थी।
शिवसेना प्रवक्ता राऊत ने कहा कि जिस तरह बांग्लादेश से भारत में आकर उपद्रवी देश की शांति भंग कर रहे हैं, उसी तरह भाजपा में भी बाहरी लोग पार्टी में अशांति फैला रहे हैं। भाजपा को खुद इस बारे में अपना शुद्धिकरण करना चाहिए।
संजय राऊत ने कहा कि भाजपा में बाहर से आए नेता (नारायण राणे) जिस तरह का खुंदक निकाल रहे हैं, उस तरह की खुंदक देवेंद्र फडणवीस, चंद्रकांत पाटिल, विनोद तावड़े, सुधीर मुनगंटीवार जैसे सुलझे नेता कभी निकाल नहीं सकते।
संजय राऊत ने कहा कि हिंदुत्व के मुद्दे पर शिवसेना-भाजप ढाई दशक साथ रही हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई, लालकृष्ण आडवाणी, बालासाहब ठाकरे के बीच बहुत ही अच्छे संबंध रहे हैं।
वैचारिक मतभेद भी हुए हैं, लेकिन कभी एक दूसरे पर इस तरह के तनाव की नौबत नहीं आई।