नई दिल्ली: देशभर में वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार पर सीरम इंस्टिट्यूट ने सरकार की गलत नीतियों को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि सरकार ने न केवल विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइड लाइन को अनदेखा किया, बल्कि वैक्सीन का स्टॉक किए बगैर सभी के टीकाकरण के लिए इसे खोल दिया गया।
सीरम इंस्टीट्यूट के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुरेश जाधव ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार ने बिना आकलन के कितनी वैक्सीन है और कितनी चाहिए वैक्सीनेशन के लिए मंजूरी दे दी।
जाधव ने कहा कि शुरू में 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन दी जानी थी, जिसके लिए 60 करोड़ खुराक की आवश्यकता था, लेकिन सरकार ने यह जानना भी उचित नहीं समझा कि हमारे पास कितना स्टाक है और कितने समय तक कितना उत्पादन कर सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि हम टारगेट तक पहुंचते इससे पहले ही सरकार ने 45 साल के ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन के साथ- साथ 18 साल से ऊपर की उम्र वालों के लिए भी वैक्सीनेशन खोल दिया जबकि सरकार को भी पता था कि हमारे पास वैक्सीन का इतना स्टॉक नहीं है।
इस बात से हमें ये सीख मिली की। हमें उत्पाद की उपलब्धता को ध्यान में रखना चाहिए और उसका न्याय संगत तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए
40 दिन में 50 प्रतिशत टीकाकरण घटा
देश कोरोना वायरस की दूसरी लहर से त्रस्त है।
ऐसे में टीकाकरण पर जोर डालना ही सरकार का एकमात्र काम होना चाहिए, लेकिन जमीनी हकीकत इससे कुछ अलग बयां कर रही है।
मई के महीने में देश में टीकाकरण का आंकड़ा घटा है, जो चिंता का विषय बन सकता है। पिछले 40 दिन में वैक्सीनेशन की गति में 50 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
जो लक्ष्य रखा गया था उसका 50 फीसदी भी हासिल नहीं हो पाया।
अप्रैल में जब संक्रमण ने जोर पकड़ा तो टीकाकरण में तेजी आई थी और दस अप्रैल को 36,59,356 लोगों को एक दिन में वैक्सीन लगाई गई थी।
लेकिन इसके बाद लगातार टीकाकरण की संख्या घटने लगी। वहीं 21 मई को 24 घंटों के अंदर 17,97,274 खुराकें लगाई गईं।
इन 40 दिनों के अंदर टीकाकरण में 50.88 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
वैक्सीन के लिए अमेरिका जाएंगे विदेश मंत्री
देश में वैक्सीन की कमी को दूर करने के लिए विदेश मंत्री एस. जयशंकर मिशन वैक्सीन पर अमेरिका जाएंगे। वे वहां अमेरिकी कंपनियों के साथ आपूर्ति को लेकर चर्चा करेंगे।