जम्मू-कश्मीर में धर्मांतरण के खिलाफ सिख समाज, प्रदर्शन के बाद एलजी से ‎मिले

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श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में दो सिख लड़कियों का बंदूक की नोक पर अपहरण कर ले गए और उनका जबरन धर्मांतरण करा दिया गया।

इनमें से एक लड़की की शादी एक मुस्लिम लड़के से कर दी गई। उस लड़की का अब तक पता नहीं चल सका है। एक घटना बड़गाम जिले की और दूसरी महजूर नगर की है।

सिरसा ने बताया कि जिस लड़की की मुस्लिम लड़के से शादी करा दी गई है, उसकी पहले ही 2-3 शादियां हो चुकी हैं।

यहां सिरसा ने केंद्र सरकार से अपील की कि धर्मांतरण कानून को यूपी और मध्य प्रदेश की तरह जम्मू-कश्मीर में भी लागू किया जाए। अंतरजातीय विवाह के लिए माता-पिता की सहमति होनी चाहिए।

इसके बाद वहां के स्थानीय लोगों ने सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन भी किया और मार्च निकाला। हाल ही में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सिख नेताओं से मुलाकात की।

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सिरसा ने दावा किया कि बैठक के दौरान एलजी ने आश्वासन दिया है कि जिस लड़की का जबरन धर्म परिवर्तन किया गया है, उसको जल्द ही परिवार के पास पहुंचाया जाएगा।

राज्य में माइनॉरिटी कमिशन गठित करने का भी फैसला लिया गया है। एक लड़की को शनिवार देर रात छुड़ा लिया गया है। इसकी पुष्टि सिरसा ने की है।

बड़गाम के गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के अध्यक्ष संतपाल सिंह ने बताया कि एक 18 साल की सिख लड़की को लालच देकर उसे फंसाया गया और फिर उसका धर्म परिवर्तन किया गया। उस लड़की की दिमागी हालत ठीक नहीं थी।

उन्होंने कहा कि ये लव जिहाद का मामला है और सरकार इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। शिरोमणि अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा श्रीनगर पहुंचे।

संतपाल सिंह ने बताया कि मामले में एसपी ने लिखित में आश्वासन दिया था कि लड़की को खोज कर परिवार को दिया जाएगा। लेकिन कोर्ट का आदेश भी उनके खिलाफ आ गया।

उन्होंने बताया कि जज ने मुस्लिम पक्ष के हक में फैसला दिया और लड़की को उसे ही सौंप दिया, जो एक तरह का अन्याय है। वहीं मनजिंदर सिंह सिरसा ने उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा से हस्तक्षेप की मांग की।

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