Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) -UG मेडिकल प्रवेश परीक्षा को रद्द न करते हुए NTA को ढुलमुल रवैया छोड़ खामियां दूर करने का आदेश सुनाया है।
Paper Leak की व्यापकता को लेकर अदालत ने दोबारा परीक्षा नहीं कराने का आदेश दिया और विस्तृत कारण भी बताए हैं। इसके साथ ही 30 सितंबर तक रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ऐसी कोई सामग्री नहीं है जो यह दर्शाए कि पेपर लीक व्यापक स्तर पर थी, और इससे पूरी परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई। कोर्ट ने इसके साथ ही राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA ) द्वारा की गई खामियों पर भी विस्तार से प्रकाश डाला है।
यही नहीं प्रधान न्यायाधीश ने NTA द्वारा अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र बदलने की अनुमति देने और नए पंजीकरण के लिए पिछला दरवाजा खोले जाने पर भी सवाल उठाए हैं। प्रधान न्यायाधीश का कहना था कि NTA में यह उलटफेर छात्रों के हित में नहीं है। एक दिन पहले मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने यह फैसला सुनाया है।
इसमें NTA के उस फैसले पर भी सवाल उठाए गए जिसमें 1,563 छात्रों को गलत प्रश्नपत्र दिए जाने के कारण हुए नुकसान की भरपाई के तौर पर Grace Marks दिए गए थे।
इसके साथ ही अदालत ने विशेषज्ञ समिति को निर्देश दिए हैं। समिति को पंजीकरण की समय सीमा, परीक्षा केन्द्रों में परिवर्तन और OMR शीटों की सीलिंग और भंडारण से संबंधित एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करने के लिए कहा गया है। वहीं 30 सितंबर 2024 तक एक रिपोर्ट तैयार कर पेश करने को भी कहा गया है।