NEET-UG मामले में NTA को सुप्रीम कोर्ट सख्त निर्देश

NEET-UG परीक्षा रद्द होगी या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में गुरुवार को भी फैसला नहीं हो सका। कैंडिडेट्स को अभी और इंतजार करना होगा।

Central Desk

Supreme Court gives strict instructions to NTA in NEET-UG case : NEET-UG परीक्षा रद्द होगी या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में गुरुवार को भी फैसला नहीं हो सका। कैंडिडेट्स को अभी और इंतजार करना होगा। गुरूवार को भी 4 घंटे सुनवाई चली।

इस दौरान अदालत ने NTA को निर्देश दिया कि वह सभी कैंडिडेट्स के रिजल्ट शनिवार दोपहर 12 बजे तक वेबसाइट पर अपलोड करे। माक्र्स सेंटरवाइज और Citywise होना चाहिए।

कोर्ट ने कहा कि रिजल्ट अपलोड करते वक्त उम्मीदवार की पहचान जाहिर ना की जाए। हम सोमवार, 22 जुलाई को सुबह 10.30 बजे अगली सुनवाई शुरू करेंगे। ताकि दोपहर तक हम निष्कर्ष निकाल सकें। हम बिहार पुलिस रिपोर्ट की एक कॉपी भी चाहते हैं।

NEET-UG परीक्षा को लेकर गुरुवार को 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ ने माना कि पर्चा लीक हुआ था। साथ ही आदेश दिया कि सभी छात्रों का परीक्षा परिणाम शनिवार दोपहर 12 बजे तक सार्वजनिक किया जाए।

सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, पर्चा बिहार के हजारीबाग में लीक हुआ था। बता दें, सर्वोच्च अदालत उन 40 याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है, जिनमें परिणाम रद कर परीक्षा दोबारा कराने की मांग की गई है। वहीं, सरकार का कहना है कि परीक्षा दोबारा कराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि बहुत बड़े स्तर पर धांधली नहीं हुई है।

सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों की पहचान उजागर नहीं करने के लिए भी कहा है। दोबारा परीक्षा के सवाल पर Supreme Court ने कहा कि साबित करिए कि पेपर लीक हुआ था। दोबारा परीक्षा का आदेश देने के लिए ठोस वजह होना चाहिए। चीफ जस्टिस ने परीक्षा में शामिल हुए 23 लाख अभ्यर्थियों से पूछा कि उनमें से कितनों ने परीक्षा केंद्र बदलने की सुविधा का लाभ उठाया।

इस पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने बताया कि 15000 उम्मीदवारों ने इस करेक्शन विंडो का उपयोग किया। आगे सीजेआई ने कहा कि अदालत उन लोगों से जानना चाहती है, जिन्होंने अपने केंद्र बदले हैं, उनमें से कितनों ने शीर्ष 1.08 लाख में जगह बनाई है।

वहीं, सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया गया है कि सीबीआई ने कथित NEET UG Paper leak और कदाचार की चल रही जांच के संबंध में दूसरी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, CBI ने इस मामले में कल एक और स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल की है। जिस पर सीजेआई ने कहा, हां हमने दूसरी स्टेट्स रिपोर्ट भी पढ़ी है।

याचिकाकर्ता की तरफ से पेश वकील नरेंद्र हुड्डा ने कहा कि हमें CBI की स्टेटस रिपोर्ट नहीं दी गई है। इस पर अदालत ने कहा, हालांकि हम पारदर्शिता की वकालत करते हैं। मगर सीबीआई जांच चल रही है। अगर CBI ने हमें जो बताया है उसका खुलासा होता है, तो यह जांच को प्रभावित करेगा।

CJI ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप हमें संतुष्ट करिए कि पेपर लीक बड़े पैमाने पर हुआ और परीक्षा रद्द होनी चाहिए। दूसरी इस मामले में जांच की दिशा क्या होना चाहिए वो भी हमें बताएं। उसके बाद हम सॉलिसिटर जनरल को सुनेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से यह भी कहा कि अगर आप हमारे सामने यह साबित कर देते हैं कि बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई तभी दोबारा परीक्षा कराने का आदेश दिया जा सकता है।

याचिकाकर्ता छात्रों के वकील ने कहा कि कुछ ऐसे छात्र भी आए हैं, जिनकी रैंक एक लाख आठ हजार छात्रों के बीच है, लेकिन उनको सरकारी कॉलेज नहीं मिला। वहीं, एनटीए ने सभी लोगों का रिजल्ट घोषित नहीं किया है, जबकि दूसरी परीक्षाओं में पूरे रिजल्ट घोषित होते है।

इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने पूछा कि सरकारी कॉलेजों में कितनी सीटें हैं? वकील ने कहा कि 56 हजार सीटें। कम से कम एक लाख का रिजल्ट घोषित हों।

CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि क्या आपके हिसाब से कुछ लोग एक लाख आठ हजार के केटेगरी में आ गए है? आप (याचिकाकर्ता) पहले तथ्यों पर बात करें। एक लाख आठ हजार में से कितने याचिकाकर्ता है और कितने छात्र Supreme Court पहुंचे हैं।

इस बीच, सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले सीबीआई का बड़ा एक्शन देखने को मिला। CBI ने गुरुवार सुबह पटना में छापा मारा और AIMS पटना के तीन छात्रों को हिरासत में लिया। इनसे पूछताछ जारी है। डॉक्टरों के कमरों को सील कर दिया गया है।