Supreme Court refuses to hear Caste Census: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को जाति जनगणना करवाने की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। जस्टिस ऋषिकेश रॉय और Justice एसवीएन भट्टी की बेंच ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि जाति जनगणना एक नीतिगत मामला है।
यह मुद्दा केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। इसलिए अदालत इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं। याचिकाकर्ता पी प्रसाद नायडू ने Supreme Court से जाति जनगणना कराने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की थी।
नायडू ने याचिका में कहा था कि केंद्र और उसकी एजेंसियों ने आज तक जनगणना-2021 के लिए गणना नहीं की है। शुरुआत में Covid-19 महामारी और फिर कई बार स्थगित किया जा चुका है।
जनगणना में देरी के कारण डेटा में बड़ा अंतर पैदा हो गया है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील रविशंकर जंडियाला ने कहा कि कई देशों ने जातिगत जनगणना की, लेकिन भारत ने अभी तक ऐसा नहीं किया है। 1992 के इंद्रा साहनी फैसले में कहा गया है कि यह जनगणना समय-समय पर की जानी चाहिए।