Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उत्तराखंड हाई कोर्ट के एक आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है, जिसमें पिछले साल कथित एक नाबालिग लड़की का आत्महत्या (Suicide) करने वाला Video बनाने और प्रसारित करने के आरोपी नाबालिग लड़के को जमानत देने से इनकार कर दिया था।
जस्टिस बेला M त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की अवकाशकालीन पीठ ने एक अप्रैल के High Court के आदेश को चुनौती देने वाली नाबालिग की याचिका को खारिज कर दिया है। नाबालिग लड़के ने अपनी मां के जरिए याचिका दायर की थी।
नाबालिग लड़का POCSO एक्ट के तहत हरिद्वार जिले में दर्ज एक मामले में आरोपी है।
हाई कोर्ट ने 20 मई को दिए गए अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता के वकील की दलीलें सुनने और रिकॉर्ड पर रखी गई सामग्री का पूरी तरह से अध्ययन करने के बाद हम इस स्तर पर High Court द्वारा पारित आदेश में हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं यानी विशेष अनुमति याचिकाएं खारिज की जाती हैं।
नाबालिग ने जूविनियल बोर्ड द्वारा पारित उस आदेश को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का रुख किया था, जिसमें उसकी जमानत की अर्जी खारिज कर दी गई थी।
High Court ने अपने आदेश में कहा था कि 14 साल लड़की पिछले साल 22 अक्टूबर से लापता थी बाद में उसका शव (Dead Body) बरामद किया गया था।
हाई कोर्ट अपने आदेश में कहा था कि नाबालिग आरोपी पर अपनी सहयोगी लड़की का वीडियो बनाने और उसे छात्रों के बीच शेयर करने का आरोप था। लड़की उसे सहन नहीं कर सकी जिसके बाद उसने आत्महत्या कर ली।