नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने इस साल हैदराबाद में हुसैन सागर झील में गणेश मूर्ति के विसर्जन की इजाजत दे दी है।
चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि तेलंगाना हाई कोर्ट के मूर्ति विसर्जन को लेकर जारी दिशानिर्देश को अगले वर्ष से लागू किया जाए।
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि हुसैन सागर झील में प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियों का विसर्जन नहीं किया जाए।
गणेश पूजा के दौरान ऐसा करना बाधाएं खड़ी कर रहा है। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि हैदराबाद के लिए ये कोई नई घटना नहीं है।
हर साल ये समस्या आती है। आपको पहले ही कदम उठाना चाहिए था। तब मेहता ने कहा कि हम अगले साल से हाई कोर्ट के आदेश को लागू करेंगे।
इस साल इंतजाम करने से लिए समय नहीं है। प्रदूषण कम करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि मैं इन मसलों को जानता हूं। क्या आपको पता नहीं है कि हुसैन सागर झील को साफ करने के लिए काफी धन खर्च हो चुका है।
अगर हर साल ऐसे ही मूर्ति विसर्जन की अनुमति दी जाएगी तो झील के सौंदर्यीकरण के लिए जो खर्च हुआ, उसका कोई मतलब नहीं है।
ये पैसे की बर्बादी है। आप अंतिम समय पर आ रहे हैं। चीफ जस्टिस ने कहा कि हाईकोर्ट ने 12 दिशानिर्देश पारित किए हैं।
तब मेहता ने कहा कि उसमें से एक दिशानिर्देश ने समस्या पैदा की है और उसका हमने समाधान निकाल लिया है।
अब प्रतीकात्मक विसर्जन किया जाए। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि इससे कोई नुकसान नहीं होगा।
कोर्ट ने कहा कि अनुशासन और लोगों का सहयोग भी जरूरी है। हम सरकार के कदम से खुश नहीं हैं।
राज्य सरकार इस पर हलफनामा दायर करे। दिशानिर्देशों के बावजूद राज्य सरकार कदम नहीं उठाती है।
कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्दश दिया कि आज ही हलफनामा दायर करें। हम इसी साल अंतिम तौर पर मूर्ति के विसर्जन की अनुमति दे रहे हैं।