नई दिल्ली: बहरापन, गंभीर उदर संबंधी रोग, खून के थक्के जमकर उसका गैंगरीन में बदलना जैसे लक्षण आमतौर पर कोरोना मरीजों में नहीं देखे जाते हैं, लेकिन अब चिकित्सक इन बीमारियों को डेल्टा वैरियंट से जोड़ कर देख रहे हैं।
अब तक के परीक्षणों में सामने आया है कि यह वैरिएंट अनेक रूपों में मरीज के शरीर को प्रभावित करता है।
डेल्टा यानी बी.1.617.2 ने पिछले छह माह में करीब 60 देशों में अपना आतंक फैलाया है।
इस वैरियंट में दूसरे वैरियंट की तुलना में संक्रमण की तीव्रता, वैक्सीन के असर को कम करना, जैसी तमाम वजहों से समझ में आ रहा है कि इस स्ट्रेन का असर किस हद तक गंभीर हो सकता है।
चेन्नई के अपोलो अस्पताल के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ अब्दुल गफूर का कहना है कि बी.1.617 का नई लक्षणों से संबंध है या नहीं, यह पता करने के लिए हमें और वैज्ञानिक शोध की ज़रूरत है।
उन्होंने कहा कि महामारी की शुरूआती लहर की अपेक्षा इस बार ज्यादा डायरिया के मरीज देखने को मिल रहे हैं।
पिछले साल तक हमें लग रहा था कि हम वायरस के बारे में जान गए हैं, लेकिन इस बार फिर इसने अपने नए रूप से सभी को चौंका दिया है।
इस बार पेट में दर्द, उबकाई, उल्टी, भूख में कमी, बहरापन, जोड़ो में दर्द जैसे कई लक्षण कोविड-19 के मरीजों में देखने को मिल रहे हैं।
बीटा और गामा वैरियंट सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में पाए गए थे।