नई दिल्ली: ताजा अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि टी-सेल गंभीर कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ लंबे समय तक चलने वाली इम्यूनिटी दे सकते हैं।
यह अध्ययन भारत में कोरोनावायरस वैक्सीन लेने वाले लोगों के बड़े पैमाने पर डेटा के आधार पर तैयार किया गया है।
अध्ययन के मुताबिक टी सेल, इम्यूनिटी सेल्स का एक ग्रुप है, जो वायरस से संक्रमित सेल से लड़ सकता है।
सूत्रों की माने तो ये महत्व रखता है और इससे संक्रमण या वैक्सीनेशन के जरिए बनने वाली एंटीबॉडी समय के साथ कम प्रभावी हो सकते हैं, इस चिंता को भी दूर किया जा सकता है।
एक अधिकारी ने कहा, “हम जल्द ही डेटा और निष्कर्ष शेयर करेंगे।” उन्होंने जोर दिया कि बार-बार वैक्सीनेशन या यहां तक कि एक बूस्टर डोज की जरूरत के बारे में चर्चा इतनी जरूरी नहीं है, अगर टी सेल लंबे समय तक चलने वाली सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम हैं। मगर टी सेल संक्रमण को ठीक नहीं कर सकते है।
अधिकारी ने कहा कि वैक्सीन ट्रैकिंग प्लेटफॉर्म, जो उन लोगों के डेटा को कैप्चर करता है, जिन्हें टीका लगाया गया है, वे संक्रमण से ठीक होने वाले, मौतों और अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी भी देते हैं।
एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में, देश भर में अब तक कोविड-19 वैक्सीन की 49 करोड़ से ज्यादा खुराकें दी जा चुकी हैं।
वैज्ञानिकों को भी उम्मीद हैं कि टी सेल भी प्रभावी हो सकते हैं या वायरस के कुछ वेरिएंट के खिलाफ इम्यूनिटी बढ़ा सकते हैं।
उन्होंने कहा, “हमने जनवरी से 31 जुलाई तक के आंकड़ों का विश्लेषण किया है और ये काफी चौंकाने वाला है।
ये डेटा कोविड-19 से निपटने के लिए भविष्य की सार्वजनिक स्वास्थ्य रणनीति तैयार करने में बहुत उपयोगी हो सकता है।”