मुंबई: नौसेना के रेस्क्यू के दौरान 14 कर्मचारियों के शव भी बरामद किए गए हैं। अब तक इन शवों की पहचान नहीं की जा सकी है।
जहाज के कैप्टन सचिन सिक्वेरा ने मुंबई में पत्रकारों को बताया कि ताउते तूफान की वजह से समुद्र में 9-10 मीटर ऊंची लहरें उठ रही थीं।
पूरी तरह आमने-सामने अदृश्यता का आलम था। कहीं कुछ नजर नहीं आ रहा है।
ऐसे में रेस्क्यू आपरेट करना मुश्किल था लेकिन नौसेना को इस तरह की स्थितियों से निपटने की ट्रेनिंग दी जाती है जिससे विकट स्थितियों में रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया।
जानकारी के अनुसार ताउते तूफान की वजह से मुंबई हाई के पास तेल उत्खनन का काम कर रहे बार्ज पी-305 व गाल कंस्ट्रक्टर जहाज बह गए थे।
बाद में बार्ज पी-305 जहाज डूब गया था। इसकी सूचना मिलते ही नौसेना के 6 जहाज व हेलीकाप्टर सोमवार से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन कर रहे हैं।
अभी भी नेवी के जहाज समुद्र में लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं।
मुंबई पहुंचे कर्मचारियों ने बताया कि जहाज डूबते देख लाइफ जैकेट पहन कर अधिकांश कर्मचारियों ने समुद्र में छलांग लगा दी थी।
इन कर्मचारियों ने नौसेना के प्रति आभार व्यक्त किया है।
मुंबई तट पर बचाव अभियान का नेतृत्व करने वाले कमोडोर मनोज झा का कहना है कि यह ऑपरेशन चुनौतीपूर्ण हो सकता है लेकिन हमें आकस्मिक परिस्थितियों के लिए तैयारी करने की जरूरत है।
हम समुद्र में 300 लोगों की जान बचाने में सफल रहे हैं। संकट में फंसे 2 अन्य जहाजों की मदद की।
अभी भी बचाव कार्य जारी है, हमारे जहाज और विमान काम पर हैं।
नौसेना ही नहीं तटरक्षक बल और ओएनजीसी के जहाज भी संयुक्त अभियान पर हैं।