Tejashwi Yadav Tried His best.: इस चुनाव के परिणाम पर गौर करें तो साफ दिखता है कि राजद न अपने वोट बैंक को सहेज सकी न उसका A to Z फॉर्मूला ही सफल हो सका।
राजद ने रणनीति के तहत क्षेत्रीय जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा था।
तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने चुनाव से पहले ही A to Z की चर्चा शुरू कर इस बात के संदेश दिए थे कि राजद सिर्फ M-Y यानी यादव-मुस्लिम वोट बैंक पर नहीं, बल्कि सभी जातियों को साधने की कोशिश में है।
टिकट बंटवारे में भी RJD नेतृत्व वाले महागठबंधन ने न केवल सवर्ण समाज के नेताओं को टिकट दिए, बल्कि कुशवाहा समाज के लोगों को भी प्रत्याशी बनाया। लेकिन, चुनाव परिणाम ने साफ कर दिया कि RJD का वोट बैंक एम-वाई समीकरण आंख मूंदकर राजद के साथ नहीं आया और विरोधी भी इस वोट बैंक में सेंध लगाने में सफल हुए।
उजियारपुर से BJP के नित्यानंद राय की जीत ने साबित किया कि राजद का वोट बैंक दरक गया है। इसी तरह मधुबनी में BJP के अशोक यादव के खिलाफ राजद ने अली अशरफ फातमी को उतारकर अपने वोट बैंक को साधने की कोशिश की थी, लेकिन फातमी की हार ने इस समीकरण के दरकने के संकेत दे दिए।
पूर्णिया के चुनाव परिणाम ने तो राजद के वोट बैंक के दावे की पूरी तरह पोल खोल कर रख दी। पूर्णिया में राजद नेता Tejashwi Yadav ने राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को वोट नहीं देने की अपील तक अपने समर्थकों से की थी, लेकिन पप्पू यादव सफल हो गए। उन्होंने जदयू के संतोष कुमार कुशवाहा को हराया। राजद प्रत्याशी बीमा भारती को तीसरे नंबर पर संतोष करना पड़ा।
झंझारपुर में बसपा के गुलाब यादव और नवादा में निर्दलीय विनोद यादव को मिला वोट भी इस बात के प्रमाण दिया कि राजद का यादव मतदाता अब आंख मूंदकर राजद के साथ नहीं है। नवादा में विनोद को 39,000 से अधिक मत मिले।
सीतामढ़ी से जदयू की जीत भी RJD के वोट बैंक के टूटने पर मुहर लगा रही है। जदयू ने यहां से ब्राह्मण समाज से आने वाले देवेश चंद्र को प्रत्याशी बनाया तो RJD ने यादव समाज से आने वाले अर्जुन राय को चुनावी मैदान में उतार दिया, लेकिन राजद को यहां भी सफलता नहीं मिल सकी।
वैशाली से राजद के मुन्ना शुक्ला को भी हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा भी कई ऐसी सीटें हैं, जहां RJD के वोट बैंक के दरकने के संकेत मिल रहे हैं। महागठबंधन में राजद 26, कांग्रेस नौ और वामपंथी दलों ने पांच सीटों पर चुनाव लड़ा।
RJD ने अपने कोटे से तीन सीटें मुकेश सहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी को दी थी। राजद ने चार सीटों पर जीत दर्ज की, वहीं कांग्रेस को तीन, भाकपा माले को दो सीट मिली।