नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत यहां एक होटल में रहस्मय परिस्थितियों मृत पायी गयी सुनंदा पुष्कर मौत मामले में उनके पति एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरुर के खिलाफ अब दो जुलाई को आरोप तय करेगी।
राऊज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश गीतांजली गोयल ने बुधवार को श्री थरुर के खिलाफ आरोप तय करने के लिए दो जुलाई की तारिख मुकर्रर की।
एकल पीठ ने पिछली सुनवाई में कहा था कि यदि इस संबंध में 16 अप्रैल तक कोई आदेश नहीं सुनाई जाती है तो कम अवधि का समय दिया जाएगा।
आपराधिक मामले में श्री थरूर के खिलाफ आरोप तय किए जाने चाहिए या नहीं, इस मुद्दे पर अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष के वकील ने अपनी दलीलें पूरी करने के बाद पीठ ने आदेश को सुरक्षित रख लिया था।
श्री थरूर की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि एसआईटी द्वारा की गई जांच में उनके मुवक्किल को पूरी तरह दोषमुक्त माना गया है।
उन्होंने श्री थरूर को आरोपमुक्त करने का कोर्ट से आग्रह करते हुए कहा है कि उनके मुवक्किल के खिलाफ धारा 498ए (पति या उसके किसी रिश्तेदार द्वारा महिला के साथ क्रूरता) या 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत लगाए गए आरोपों का कोई सबूत नहीं है।
श्री पाहवा ने कहा कि सीएफएसएल रिपोर्ट के अनुसार, जिस पर अभियोजन पक्ष भरोसा नहीं कर रहा था, पुष्कर के खून में नशीली दवा नहीं पाई गई थी।
राज्य की ओर से पेश हुए अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने तर्क दिया कि यह एक आकस्मिक मृत्यु नहीं थी और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर भरोसा किया जो बताता है कि मौत का कारण जहर है जो मौखिक या इंजेक्शन के जरिये दिया गया हो सकता है।
अभियोजन पक्ष ने यह भी कहा कि पुष्कर के कथित विवाहेतर संबंधों को लेकर कई विवादों के कारण उसके पति द्वारा मानसिक क्रूरता का शिकार किया गया था।
श्री पाहवा ने हालांकि दलील दी कि उनका (श्री थरूर का) किसी महिला से कोई अफेयर या संबंध नहीं था।
श्रीमती पुष्कर 17 जनवरी 2014 की रात शहर के एक लग्जरी होटल के सुइट में मृत पाई गई थीं।
गौरतलब है कि थरुर दंपति होटल में ठहरे हुए थे, क्योंकि उस समय श्री थरूर के आधिकारिक बंगले का नवीनीकरण किया जा रहा था।
दिल्ली पुलिस ने श्री थरूर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए और 306 के तहत आरोप लगाए हैं, लेकिन इस मामले में उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है।
उन्हें गत पांच जुलाई को इस मामले में जमानत भी मिल गयी थी।