CJI D.Y Chandrachud Expressed the Pain of the General Public: अदालतों में लंबे समय तक चलने वाले मामलों को लेकर देश के चीफ जस्टिस D Y चंद्रचूड़ (CJI D.Y Chandrachud) ने आम लोगों का दर्द बयां किया है।
उन्होंने कहा कि अदालत में चलने वाली लंबी कानूनी लड़ाई से लोग त्रस्त हो गए हैं। वे जल्दी मामले के निपटाना चाहते हैं। इसके लिए कई बार समझोते करने को भी मजबूत होते हैं। चीफ जस्टिस केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) के साथ Supreme Court में विशेष लोक अदालत सप्ताह कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
सीजेआई ने कहा कि इस स्थिति में वैकल्पिक मैकेनिज्म के तौर पर लोक अदालत का रोल अहम हो जाता है। लोक अदालत के सफल आयोजन के लिए चीफ जस्टिस ने कहा कि बार और बेंच दोनों का जबर्दस्त सहयोग मिला।
CJI ने कहा कि लोक अदालत की स्थापना के हर चरण में बार और बेंच सहित सभी से उन्हें जबरदस्त समर्थन और सहयोग मिला। चंद्रचूड़ ने कहा कि जब लोक अदालत के लिए पैनल बनाए गए थे, तो यह सुनिश्चित किया गया था कि हर पैनल में दो जज और दो वकील होंगे।
CJI ने कहा कि ऐसा करने का मकसद वकीलों को इस संस्था की जिम्मेदारी देना था क्योंकि यह सिर्फ जजों की संस्था नहीं है और यह जजों के लिए, जजों द्वारा चलाई जाने वाली संस्था नहीं है। CJI ने कहा कि हम एक-दूसरे से बहुत कुछ सीखते हैं। हमने वकीलों से सीखा कि छोटी-छोटी प्रक्रियात्मक बातों पर उनका कितना अच्छा कब्जा है।
चीफ जस्टिस ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि लोग अदालत में चलने वाली लंबी कानूनी लड़ाई से त्रस्त हो जाते हैं और ऐसे में वह चाहते हैं कि मामले का जल्द निपटारा हो। इस स्थिति में वैकल्पिक मैकेनिज्म के तौर पर लोक अदालत का रोल अहम हो जाता है। लोक अदालत वैसे फोरम है जहां Pending Case में आपसी समझौते से केस का निपटारा होता है। ऐसे में हुए केस के निपटारे के बाद उसमें अपील नहीं होती है।
चीफ जस्टिस ने इस दौरान हिंदी में कहा कि लोग बस Court से दूर होना चाहते हैं और Settlement चाहते हैं। लोक अदालत के सफल आयोजन के लिए चीफ जस्टिस ने कहा कि बार और बेंच दोनों का जबर्दस्त सहयोग मिला।