नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को पूर्वोत्तर के आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत कर कोरोना महामारी की स्थिति की समीक्षा की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर को रोकने के लिए हम सभी को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कोरोना की जांच और टीकाकरण अभियान में तेजी लाने के साथ ही उपचार से जुड़े बुनियादी ढांचे में सुधार पर ध्यान देने की जरूरत पर बल दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए असम, नागालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम, मणिपुर, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम के मुख्य मंत्रियों से संवाद उत्तर-पूर्व में कोरोना महामारी की स्थिति की समीक्षा की।
मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों में टीकाकरण की प्रगति और दूर-दराज के क्षेत्रों में टीकों को ले जाने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी।
उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों के लिए प्रधानमंत्री की विशेष चिंता की सराहना की। बातचीत के दौरान मुख्यमंत्रियों के अलावा केंद्रीय गृह, रक्षा, स्वास्थ्य, डोनर और अन्य मंत्री मौजूद थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर के कुछ जिलों में कोरोना महामारी की स्थिति चिंताजनक है। वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सतर्क रहने और तेजी से कार्य करने की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए अस्थायी अस्पताल स्थापित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
पर्यटन और व्यापार पर महामारी के प्रभाव को स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री ने उचित सावधानियों का पालन किए बिना हिल स्टेशनों पर भीड़ के खिलाफ कड़ी चेतावनी दी।
इस तर्क को खारिज करते हुए कि लोग तीसरी लहर के आने से पहले आनंद लेना चाहते हैं, उन्होंने कहा कि यह समझने की जरूरत है कि तीसरी लहर अपने आप नहीं आएगी।
उन्होंने कहा कि हमारे मन में मुख्य प्रश्न यह होना चाहिए कि तीसरी लहर को कैसे रोका जाए।
विशेषज्ञ बार-बार लापरवाही और भीड़ के खिलाफ चेतावनी दे रहे हैं, क्योंकि इससे मामलों में भारी उछाल आ सकता है।
उन्होंने कहा, “हिल स्टेशनों पर बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के बड़ी भीड़ देखना चिंता का विषय है।
मोदी ने कहा कि यह सही है कि कोरोना की वजह से टूरिज्म, व्यापार-कारोबार बहुत प्रभावित हुआ है। लेकिन आज मैं बहुत जोर देकर कहूंगा कि हिल स्टेशंस में, मार्केट्स में बिना मास्क पहने भारी भीड़ उमड़ना ठीक नहीं है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि वायरस को फैलने से रोकने के लिए सूक्ष्म स्तर पर कड़े कदम उठाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि हमें कोविड के प्रत्येक वेरियंट पर नजर रखने की आवश्यकता है।
म्यूटेशन के बाद ये कितना परेशान करने वाला होगा, इस बारे में एक्सपर्ट्स लगातार अध्ययन कर रहे हैं।
ऐसे में निवारण और इलाज बहुत जरूरी है। ऐसी गतिशील स्थिति में रोकथाम और उपचार बहुत जरूरी है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे ‘सबको वैक्सीन-मुफ्त वैक्सीन’ अभियान की नॉर्थ ईस्ट में भी उतनी ही अहमियत है।
तीसरी लहर से मुकाबले के लिए हमें वैक्सीनेशन की प्रक्रिया तेज करते रहना है।
उन्होंने कहा कि हमें कोरोना महामारी की तीसरी लहर का मुकाबला करने के लिए अपने टीकाकरण अभियान में तेजी लाने की आवश्यकता है।
परीक्षण और उपचार को लेकर बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए हाल ही में 23 हजार करोड़ रुपये के पैकेज की कैबिनेट की मंजूरी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पैकेज पूर्वोत्तर के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने में मदद करेगा। यह पैकेज पूर्वोत्तर में परीक्षण, निदान, जीनोम अनुक्रमण में तेजी लाएगा।
प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर में बिस्तरों की संख्या, ऑक्सीजन सुविधाओं और बाल चिकित्सा देखभाल के बुनियादी ढांचे में तेजी से वृद्धि की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रधानमंत्री ने बताया कि देश में पीएम-केयर्स के माध्यम से सैकड़ों ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं और पूर्वोत्तर को भी लगभग 150 प्लांट मिले हैं।
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से इन संयंत्रों को स्थापित करने की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने का अनुरोध किया।