नई दिल्ली: पूर्वोत्तर के राज्यों में जोर पकड़ता संक्रमण इस बात का संकेत दे रहा है कि देश में तीसरी लहर नजदीक है।
इस वक्त आठ राज्यों में बढ़ते संक्रमण ने पूरे देश की चिंता बढ़ा दी है, इनमें से सात राज्य पूर्वोत्तर के हैं। जबकि एक अन्य राज्य केरल है जहां संक्रमण दर बहुत अधिक है।
हालात को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करके स्थिति की जानकारी ली है। पूर्वोत्तर के चार राज्यों में संक्रमण की स्थिति नियंत्रण से बाहर है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, सिक्किम में जांच पॉजिटिविटी दर 19.5%, मणिपुर में 15%, मेघालय में 9.4% और मिजोरम में 11.8% है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन मानता है कि जब जांच पॉजिटिविटी दर दस प्रतिशत या इससे अधिक हो जाए तो इसका मतलब है कि संक्रमण नियंत्रण से बाहर हो चुका है।
पूर्वोत्तर के तीन अन्य राज्य- अरुणाचल प्रदेश (7.4%), नागालैंड( 6%) और त्रिपुरा(5.6) में भी संक्रमण दर पांच प्रतिशत से अधिक बनी हुई है। जबकि फिलहाल असम(2%) में संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है।
इस वक्त देश में कोरोना की जांच पॉजिटिविटी दर 2.3% है। इसके मुकाबले पूर्वोत्तर के राज्यों की पांच पॉजिटिविटी दर 7 गुना तक अधिक है।
यानी पूरे देश में जिस गति से संक्रमण फैल रहा है, उसके मुकाबले पूर्वोत्तर में हालात कहीं अधिक खराब हैं।
बता दें कि जांच पॉजिटिविटी दर इस बात को दर्शाती है कि एक दिन के भीतर जांचें गए नमूनों में से कितने फीसदी नमूनों में संक्रमण की पुष्टि हुई।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इस वक्त देश के 73 जिलों में संक्रमण की दर यानी जांच पॉजिटिविटी दर 10 प्रतिशत बना हुआ है, जिसमें से 45 जिले पूर्वोत्तर के राज्यों के हैं।
इसे देखते हुए पिछले सप्ताह केंद्र ने विशेषज्ञों की टीम इन राज्यों में भेजी थी ताकि संक्रमण के कारणों का पता लगााकर इसे रोका जा सके।
देश में पूर्वोत्तर के अलावा केरल का हाल खराब है जहां जांच पॉजिटिविटी दर 10.5 फीसदी बनी हुई है।
अच्छी बात यह है कि दूसरी लहर में बेहाल रहे महाराष्ट्र (4.1%), दिल्ली (0.1%), उत्तर प्रदेश (0.1%), मध्य प्रदेश (0.1%) में संक्रमण दर अभी काफी कम है। पू
र्वोत्तर के खराब हालात के बीच हैदराबाद विश्वविद्यालय के वरिष्ठ भौतिक विज्ञानी और पूर्व कुलपति डॉ. विपिन श्रीवास्तव ने दावा किया है कि बीती चार जुलाई से देश में कोविड-19 के संक्रमण और मौतों का पैटर्न वैसा ही देखा जा रहा है, जैसा इस साल फरवरी के पहले हफ्ते में था। यही मामले अप्रैल के अंत तक देश में गंभीर रूप ले चुके थे।
इस आधार पर कोरोना के तीसरे लहर की शुरुआत की आशंका जताई जा रही है।वहीं, आईएमए ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर पर्यटन स्थलों और धार्मिक समारोह से भीड़ कम नहीं हुईं तो तीसरी लहर भयावह होगी।