Supreme Court : उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट (Varanasi Lok Sabha seat) एक नए मामले को लेकर चर्चा के केंद्र में आ गई है।
PM मोदी के सामने दावेदारी पेश करने की कामना लिए देश भर से प्रत्याशी Varanasi पहुंच रहे है। नामांकन फार्म हासिल करने के लिए बड़ी संख्या लोगों की भीड़ दिख रही है।
नामांकन फार्म (Enrollment Form) दाखिल करने की अंतिम तिथि से एक दिन पहले यानी 13 मई को 100 से अधिक लोग लाइन में थे। वे लोग नामांकन फॉर्म लेने की कोशिश करते दिखाई दिए।राजस्थान से पहुंचे मशहूर कॉमेडियन श्याम रंगीला ने भी PM मोदी को चुनौती दी।
हालांकि, उनका नामांकन स्क्रूटनी में खारिज हो गया। वहीं, तमिलनाडु के एक किसान नामांकन फार्म दाखिल करने के लिए समय बढ़ाने की याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए।
हालांकि, Supreme Court ने उनकी याचिका को प्रचार हित याचिका करार देकर खारिज कर दी।
जस्टिस विक्रमनाथ और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने सवाल किया कि आप याचिका को वापस लेना चाहते हैं? हम आपको याचिका वापस लेने की अनुमति दे सकते हैं। अगर आप चाहते हैं कि हम याचिका खारिज कर दें तब हम खारिज कर सकते हैं। पीठ ने कहा कि यह सभी प्रचार हित याचिकाएं हैं।
तमिलनाडु के त्रिची निवासी और नेशनल साउथ इंडियन रिवर इंटरलिंकिंग एग्रीकल्चरिस्ट एसोसिएशन (National South Indian River Interlinking Agriculturalists Association) के अध्यक्ष पी. अय्याकन्नू के वकील एस. महेंद्रन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
उन्होंने दावा किया कि अय्याकन्नू को रेलवे सुरक्षा कर्मियों ने वाराणसी जाने की ट्रेन से 10 मई को उतार दिया था। वकील के अनुसार, ट्रेन से उतारे जाने के कारण वे लोकसभा चुनाव का नामांकन दाखिल नहीं कर पाए।
उन्होंने Supreme Court से मांग की थी कि नामांकन का समय बढ़ाया जाए, ताकि अय्याकन्नू अपना नामांकन दाखिल कर पाएं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया। किसान के मंशा पूरी नहीं हो सकी।