मुंबई: इन दिनों महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के हर रोज़ 5 से 6 हज़ार नए मामले सामने आ रहे हैं।
ये संख्या पिछले कुछ महीने के मुकाबले में बेहद कम है, लेकिन एक्सर्ट्स की चिंता कम नहीं हुई है।
कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट से राज्य में संक्रमण का खतरा लगातार बना हुआ है।
इस बीच डेल्टा प्लस वेरिएंट ग्रुप के तीन और अलग-अलग वायरस ने एक्सपर्ट्स की टेंशन बढ़ा दी है।
जानकारों के मुताबिक डेल्टा प्लस वेरिएंट का ये नया रूप कितना खतरनाक है और इसकी संक्रमण दर को लेकर और स्टडी की जरूरत है।
हाल में वायरस के जीनोम सीक्वेंसिंग से पता चला है कि महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वेरिएंट के कुल 66 केस हैं।
इसमें डेल्टा प्लस वेरिएंट ग्रुप के तीन अलग-अलग रूप हैं- एवाय.1, एवाय.2 और एवाय.3. अब, वैज्ञानिकों ने डेल्टा-प्लस के 13 और उप-वंशों की खोज की है, जो एवाय.1, एवाय.2, एवाय.3 से शुरू होकर 13 तक पूरे हुए हैं।
डेल्टा वेरिएंट में म्युटेशन के बाद डेल्टा-प्लस बना है। ये डेल्टा के स्पाइक प्रोटीन में के 417 एन नामक एक अतिरिक्त म्युटेशन के कारण बना है. ये संक्रमित कोशिकाओं के लिए वायरस के अटैचमेंट को बढ़ाता है।
मुंबई में भी खतरा
मुंबई में अब तक डेल्टा प्लस वेरिएंट के 11 केस मिले हैं। मुंबई के घाटकोपर इलाके में एक 63 साल की महिला की मौत हो गई।
इनके परिवार से 6 और लोग कोरोना से संक्रमित मिले हैं। इनमें से कुछ लोगों में डेल्टा प्लस के संक्रमण का मामला भी सामने आया है।
पिछले महीने मुंबई से सटे रायगढ़ ज़िले में 69 साल की एक महिला की मौत भी कोरोना के इसी वेरिएंट से हुई। इसके अलावा रत्नागिरी में भी 80 साल की महिला की जान चली गई।