चाचा पशुपति पारस को बनाया जा सकता है गवर्नर, चिराग पर नकेल कसने के लिए…

केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) केंद्र सरकार के कई महत्वपूर्ण फैसलों पर सवाल खड़ा कर चुके हैं।

Digital Desk

Pashupati Paras can be made Governor: केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) केंद्र सरकार के कई महत्वपूर्ण फैसलों पर सवाल खड़ा कर चुके हैं।

चिराग ने केंद्र सरकार के महत्वपूर्ण फैसले जैसे कि वक्फ बिल और सरकारी नौकरी में Lateral Entry का विरोध किया था। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के अनुसूचित जाति और जनजाति कोटा में सब कैटिगरी और क्रीमी लेयर को चिन्हित करने के फैसले का भी विरोध किया था। चिराग के इन सभी कदम से BJP जाहिर तौर पर असहज महसूस कर रही थी।

इसी कारण से चिराग को नियंत्रित करने के लिए उनके चाचा, जिससे उनकी पुरानी अदावत है का राजनीतिक तौर पर एक्टिवेट किया जा रहा है। पशुपति पारस का कद बढ़कर BJP चुनाव पासवान को स्पष्ट संदेश देना चाहती है कि चिराग पासवान केंद्र सरकार के महत्वपूर्ण फैसलों में ज्यादा दखलअंदाजी ना करें।

राज्यपाल या फिर किसी महत्वपूर्ण केंद्रीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया जा सकता है

चिराग के बयानों को देखते हुए अब BJP उन पर लगाम लगाने की तैयारी में है और उनके चाचा पशुपति पारस (Pashupati Paras) को अब एक बार फिर से NDA में तरजीह दी जा सकती है।

माना जा रहा है कि पशुपति पारस, जो पिछले कुछ महीनो से राजनीति में हाशिए पर पड़े हैं उन्हें जल्द ही किसी राज्य का राज्यपाल या फिर किसी महत्वपूर्ण केंद्रीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया जा सकता है।

BJP अगर पशुपति पारस का कद बढ़ाकर उन्हें किसी राज्य का राज्यपाल या किसी केंद्रीय बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त करती है तो जाहिर सी बात है कि पशुपति पारस का कद बढ़ने से वह चिराग पासवान के बराबर आ जाएंगे और फिर भाजपा पशुपति पारस के जरिए चिराग पर नियंत्रण रखना चाहती है। पशुपति पारस पिछले कुछ महीनो से राजनीति में हाशिए पर पड़े हुए हैं।

2024 लोकसभा चुनाव में NDA में रहते हुए भी BJP ने उन्हें बिहार में एक भी सीट लड़ने को नहीं दी जिसको लेकर पशुपति पारस ने अपनी नाराजगी व्यक्त की थी मगर फिर भी वह NDA में बने हुए हैं।

पिछले दिनों पशुपति पारस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से भी दिल्ली में मुलाकात की थी जिसके बाद इस बात को बल मिला कि जल्द ही पारस का कद बढ़ाया जा सकता है और उन्हें किसी राज्य का राज्यपाल या केंद्रीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया जा सकता है।

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