नई दिल्ली: अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद लोग वहां से निकलने के लिए छटपटा रहे हैं।
खासतौर से हिंदू और सिख सहित अल्पसंख्यक समुदायों के लिए खतरा बढ़ गया है।
इस बीच केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अफगानिस्तान संकट से जुड़ी एक खबर शेयर करते हुए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की वकालत की।
इस खबर का जिक्र कर उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश में जैसी स्थितियां बन गई हैं, वह दर्शाती हैं कि क्यों देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) जरूरी है।
पुरी ने ट्वीट में लिखा कि हमारे अस्थिर पड़ोस में हालिया घटनाक्रम और जिस तरह से सिख और हिंदू एक मुश्किल समय से गुजर रहे हैं, यही वह कारण है कि क्यों नागरिकता संशोधन अधिनियम को लागू करना आवश्यक था।
अफगान राजधानी से पहले ही भारतीय राजदूत और दूतावास के अन्य कर्मियों समेत 200 लोगों को वायुसेना के दो सी-19 परिवहन विमानों के जरिये वहां से निकाल चुका है।
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) दिसंबर, 2019 में संसद से पास हो चुका है। हालांकि, तब से अब तक यह लागू नहीं हुआ है।
इसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्मों के प्रवासियों के लिए नागरिकता के नियम को आसान बनाया गया है।
पहले किसी व्यक्ति को भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए कम से कम पिछले 11 साल से यहां रहना अनिवार्य था।
इस नियम को आसान बनाकर नागरिकता हासिल करने की अवधि को एक साल से लेकर 6 साल किया गया है।
आसान शब्दों में कहा जाए तो भारत के तीन मुस्लिम बहुसंख्यक पड़ोसी देशों से आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने के नियम को आसान बनाया गया है।
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद काबुल में सुरक्षा स्थिति खराब होती जा रही है।
इसे देखते हुए भारत अफगान राजधानी से अपने नागरिकों को बाहर निकालने के प्रयासों के तहत तीन उड़ानों के जरिये अपने 329 नागरिकों और दो अफगान सांसद समेत करीब 400 लोगों को रविवार को देश वापस ले आया।
भारतीय वायुसेना के सी-19 सैन्य परिवहन विमान के जरिये 107 भारतीयों और 23 अफगान सिखों और हिंदुओं समेत कुल 168 लोगों को काबुल से दिल्ली के निकट हिंडन वायुसेना अड्डे पर लाया गया।