Uttarakhand High Court : वाकई यह ध्यान खींचने वाला विषय है कि नाबालिगों के प्रेम संबंधों के मामले में लड़कों को ही क्यों गिरफ्तार (Arrest) किया जाता है।
इस विषय में सुनवाई करते हुए उत्तराखंड हाई कोर्ट (Uttarakhand High Court) ने भी सवाल किया है कि नाबालिगों के बीच प्रेम संबंधों के लिए सिर्फ लड़कों को ही क्यों पकड़ा जाता है, जबकि लड़कियों को छोड़ दिया जाता है?
दरअसल, Uttarakhand High Court ने नाबालिग लड़कियों के साथ प्रेम संबंध में शामिल किशोर लड़कों की गिरफ्तारी के खिलाफ जनहित याचिका पर सुनवाई की।
याचिका पर विचार-विमर्श करते हुए केंद्र और राज्य सरकारों को स्पष्ट्र करने को कहा गया है कि ऐसी गतिविधियों में शामिल लड़कों को ही क्यों पकड़ा जाता है, जबकि लड़कियों को छोड़ दिया जाता है।
याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस रितु बाहरी और जस्टिस राकेश थपलियाल ने की। याचिका में कहा गया है कि इसतरह के मामलों में हमेशा लड़के को ही दोषी माना जाता है। जनहित याचिका में कहा गया है कि इतना ही नहीं लड़की बड़ी हो जाती है, तब भी लड़के को हिरासत में ले लिया जाता है। प्रेम प्रसंग के मामलों में लड़का ही अंत में खुद को जेल में पाता है।
सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि 20 नाबालिग अभी इस तरह के आरोपों में हिरासत में हैं। Court ने याचिका को स्वीकार कर कहा कि राज्य इस बात पर विचार कर सकता है कि क्या दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 161 के तहत लड़के का बयान दर्ज करना पर्याप्त होगा? उसकी गिरफ्तारी जरूरी है कि नहीं, सोचा होगा।