नई दिल्ली: पूरी दुनिया में कोविड-19 के घातक वायरस से बचने के लिए टीकाकरण जारी है। ऐसे में पूरी तरह से वैक्सीनेट हो चुके लोग भी अब कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं।
ऐसे ज्यादातर मामले डेल्टा वेरिएंट से जुड़े हैं। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ)) का दावा है कि वैक्सीन शॉट मौत और गंभीर रूप से बीमार पड़ने से लोगों को बचा रहे हैं।
डब्ल्यूएचओ की प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने एक कॉन्फ्रेंस में कहा कि वैक्सीनेट लोगों के डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित होने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।
डॉ. स्वामीनाथन ने कहा कि हॉस्पिटलाइजेशन के ज्यादातर मामले उन जगहों पर देखे जा रहे हैं जहां वैक्सीनेशन रेट बहुत कम है और अत्यधिक संक्रामक डेल्टा वेरिएंट तेजी से फैल रहा है।
सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के मुताबिक, वैक्सीनेशन के बाद हॉस्पिटलाइजेशन और मौत के 75 फीसद मामले 65 साल से ज्यादा उम्र के हैं।
डॉ. स्वामीनाथन ने चेतावनी देते हुए कहा कि वैक्सीनेट लोग अगर सुरक्षित हो चुके हैं तो इसका मतलब ये नहीं कि वे इंफेक्शन ट्रांसमिट नहीं कर सकते हैं।
ऐसे लोगों में कोई लक्षण नजर नहीं आता है और ये बड़ी आसानी से लोगों के बीच जाकर इंफेक्शन फैला सकते हैं।
इसलिए डब्ल्यूएचओ लोगों से मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने का आग्रह करता है।
कुछ स्टडीज में ऐसा दावा किया गया है कि वैक्सीनेट हो चुके लोगों में वायरस कम प्रोड्यूस होता है। इससे वायरस दूसरे लोगों तक आसानी से नहीं पहुंच पाता है।
हालांकि डब्ल्यूएचओ मानता है कि इसे समझने के लिए कुछ और शोध पर काम करने की जरूरत है।
हाल ही में जेडओई कोविड सिम्टम स्टडी में ऐसे पांच अलग-अलग लक्षणों की पहचान की गई है जो पिछले कुछ सप्ताह में सामने आए हैं।
ऐसे पांच लक्षणों का पता लगाया गया है जो पहली और दूसरी वैक्सीन लगने के बाद लोगों में दिखाई दे रहे हैं।
लोगों द्वारा एप पर दर्ज किए गए लक्षणों के आधार पर ये रिपोर्ट तैयार की गई है। हालांकि इसमें किसी वेरिएंट या डेमोग्राफिक इनफॉर्मेशन का जिक्र नहीं किया गया है।
पहला डोज लेने के बाद लक्षण- रिपोर्ट के मुताबिक, वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद यदि कोई व्यक्ति संक्रमित हो जाए तो उसमें सिरदर्द, नाक बहना, गले में खराश, छींक आना और लगातार खांसी जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। ये सभी लक्षण कोरोना के सामान्य लक्षणों से काफी ज्यादा मिलते-जुलते हैं।
दूसरी डोज लेने के बाद लक्षण- यदि कोई व्यक्ति पूरी तरह से वैक्सीनेट होने के बावजूद संक्रमित हो जाए तो उसे सिरदर्द, नाक बहना, छींक, गले में खराश और लॉस ऑफ स्मैल जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। इसमें लगातारा खांसी या बुखार जैसी समस्या लगभग खत्म नजर आ रही है।
वैक्सीन न लेने पर क्या होगा- अध्ययन के मुताबिक, यदि कोई व्यक्ति वैक्सीन नहीं लेता है और वो कोरोना की चपेट में आ जाता है तो उसमें सिरदर्द, गले में खराश, नाक बहना, बुखार और लगातार खांसी जैसे लक्षण खासतौर पर दिखाई देते हैं।
इसमें सांस में तकलीफ और लॉस ऑफ जैसे लक्षणों को प्रमुखता से शामिल नहीं किया गया।
बता दें कि कोरोना का नया डेल्टा वेरिएंट यूरोप, यूके और अमेरिका जैसी देशों में तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रहा है।
ये वेरिएंट न सिर्फ युवाओं पर हमला कर रहा है, बल्कि पूरी तरह से वैक्सीन हो चुके लोगों में भी इसके मामले देखे जा रहे हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऑक्सफोर्ड एस्ट्रेजेनिका और फायजर बायनोटेक वैक्सीन की सिंगल डोज डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ काफी असरदार मानी गई है।