नई दिल्ली: छत्रसाल स्टेडियम में दो पहलवानों के गुटों के बीच हुए विवाद के बाद दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार व उसके साथियों ने सागर धनकड़, सोनू और अमित नामक पहलवानों को अगवा कर उनकी जमकर पिटाई कर दी थी।
वारदात में तीनों ही पहलवान बुरी तरह घायल हो गए थे। तीनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान सागर धनकड़ की मौत हो गई थी। इस पूरे घटनाक्रम में कब-कब क्या हुआ।
04 मई की देर रात को छत्रसाल स्टेडियम की पार्किंग में पहलवानों के दो गुटों में झगड़ा हुआ। इसके में सुशील कुमार व उसके साथियों ने सागर धनकड़, सोनू और अमित को बुरी तरह पीटा, इलाज के दौरान सागर ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
05 मई को पुलिस ने सुशील व अन्यों के खिलाफ दिल्ली के मॉडल टाउन थाने में गैर इरादतन हत्या के प्रयास, मारपीट, गंभीर चोट पहुंचाने, सरकारी आदेश का उल्लंघन, महामारी अधिनियम, ऑर्म्स एक्ट समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया, बाद में घायलों के बयान व सागर की मौत के बाद हत्या, अपहरण और अपराधिक षडयंत्र की धाराएं और जोड़ ली गई, एक आरोपी प्रिंस दलाल को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
05 मई को ही सुशील अपने साथियों के साथ फरार हो गया, घटना के बाद से लगातार उसके मोबाइल भी बंद हो गए, पुलिस की टीमें उसकी तलाश में कई राज्यों में उसकी तलाश करती रही।
07 मई को पुलिस ने हमले के दौरान दोनों घायल अमित व सोनू के अधिकारिक बयान दर्ज किए, दोनों ने सुशील और उसके बाकी साथियों पर हमला करने का आरोप लगाया।
09 मई को विदेश भागने की आशंका को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने सुशील व उसके साथियों के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी कर दिया।
15 मई को दिल्ली की एक अदालत ने सुशील कुमार व अन्यों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया।
17 मई को दिल्ली की एक अदालत में सुशील कुमार ने अग्रिम जमानत के लिए याचिका लगाई।
17 मई को ही दिल्ली पुलिस ने सुशील कुमार पर एक लाख व उसके साथी अजय की गिरफ्तारी पर 50 हजार का इनाम घोषित किया।
18 मई को अदालत ने अग्रिम याचिका की सुनवाई करते हुए सुशील की याचिका को खारिज कर दिया।
22 मई को सुशील कुमार के बठिंडा में सरेंडर करने की अफवाह चलती रही, लेकिन पुलिस अधिकारी उसे खारिज करते रहे।
23 मई को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सुशील और उसके साथी अजय उर्फ सुनील को दिल्ली के मुंडका से गिरफ्तार करने का दावा किया।