कोलकाता: पश्चिम बंगाल में यास चक्रवात ने पूर्व मेदिनीपुर, हावड़ा, हुगली, उत्तर और दक्षिण 24 परगना व राजधानी कोलकाता के आंशिक इलाकों में जमकर कहर बरपाया।
चक्रवात से लगभग एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। लगभग तीन लाख घरों के क्षतिगस्त होने का अनुमान और दो लोगों की मौत की खबर है।
प्रभावित इलाकों में बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। चक्रवात के बीच सेना, एनडीआरएफ और पुलिस ने बचाव कार्य आरंभ कर दिया है।
इसी बीच मुख्यमंत्री चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों का शुक्रवार को हवाई निरीक्षण करेंगी।
बुधवार दोपहर के समय लैंडफॉल की प्रक्रिया पूरी होने के बाद 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहे तूफान की चपेट में आने से दो लोगों की मौत की खबर है।
यास से पश्चिम बंगाल में बड़ी संख्या में नदी बांध टूटे हैं और कृषि संपदा और फसल की व्यापक क्षति हुई हैं।
समुद्र का पानी घुस जाने के कारण खेती नष्ट हो गई है। चक्रवात से संदेशखाली एक-दो, हिंगलगंज, हसनाबाद, पाथरप्रतिमा, गोसाबा, कुल्टी, बासंती, कैनिंग- 1 और दो, बजबज, शंकरपुर, ताजपुर, रामनगर एक और दो, नंदीग्राम एक और दो, कोलाघाट, दीघा, शंकरपुर, ताजपुर, मंदारमोनी, सागरद्वीप, काकद्वीप, नामखाना, पाथरप्रतिमा, बक्खाली आदि प्रभावित हुए हैं।
बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चक्रवात के बाद आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों के साथ बैठक कर पूरे राज्य की स्थिति का जायजा लिया।
सचिवालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि नदी के पानी ने कई स्थानों पर तटबंध तोड़ दिए हैं। जिससे रिहायशी इलाकों मे पानी घुस गया है।
चक्रवात से लगभग एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं और लगभग तीन लाख घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि चक्रवात से पूर्व 15 लाख 4 हजार 500 लोगों को राहत शिविर पहुंचाया गया है।
उन्होंने बताया कि पीड़ितों के लिए 10 लाख तिरपाल, कपड़ा, चावल आदि भेजा गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया है कि शुक्रवार को वह पूर्व मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना के सागर से होते हुए हिंगलगंज और उसके बाद दीघा का हवाई सर्वेक्षण करेंगी।
एनडीआरएफ की 45 टीमें बचाव कार्य में लगीं
एनडीआरएफ ने बताया गया है कि 45 टुकड़ियां राहत और बचाव कार्य में लगी हैं।
इसके अलावा सेना की टुकड़ी भी राहत और बचाव कार्य में राज्य प्रशासन के साथ कार्य कर रही है।
तेज हवाओं से कोलकाता में कई जगहों पर पेड़ गिरे हैं। इन्हें काटकर हटाने का काम नगर निगम ने शुरू कर दिया गया है।
चक्रवात का असर अभी 24 घंटे रहेगा। इस बीच, पश्चिम बंगाल के हुगली और उत्तरी 24 परगना जिलों में मंगलवार को तूफान आने के बाद कम से कम दो व्यक्तियों की करंट लगने से मौत हो गयी है।