नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार करेगी। यह योगी सरकार का तीसरा विस्तार होगा। इसके लिए भाजपा संगठन और सरकार ने नाम तय कर लिए हैं।
साथ ही इस संबंध में केंद्रीय नेतृत्व की हरी झंडी लेने के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और संगठन महामंत्री सुनील बंसल सोमवार को दिल्ली रवाना हो गए।
इसी के साथ केंद्रीय नेतृत्व से विधान परिषद के लिए नामित किए जाने वाले एमएलसी के नामों पर भी मंथन होगा।
प्रदेश में जातीय व क्षेत्रीय संतुलन बिठाने के मद्देनजर कई महीनों से मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं जोरों पर हैं।
माना जा रहा है कि आसन्न विधानसभा चुनावों के मद्देनजर संघ और केंद्रीय नेतृत्व से कई दौर की बैठकों के बाद मंत्रिमंडल विस्तार पर सहमति बन गई है। प्रदेश में अधिकतम 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं।
फिलहाल योगी मंत्रिमंडल में 23 कैबिनेट मंत्री, 9 स्वतंत्र प्रभार मंत्री और 22 राज्यमंत्री हैं, यानी मंत्रियों की संख्या कुल 54 है। नियमों के मुताबिक, अभी 6 मंत्री पद खाली हैं।
ऐसे में योगी सरकार अगर कैबिनेट से किसी भी मंत्री को नहीं हटाती है तो भी 6 नए मंत्री बनाए जा सकते हैं।
माना जा रहा है कि पार्टी विस्तार के जरिये चार मंत्रियों को हटा भी सकती है। ये वे मंत्री हैं जो उम्रदराज़ हो चुके हैं और उनके कामकाज से ठीक भी नहीं है।
सूत्रों का दावा है कि विधानसभा के मानसून सत्र से पहले मंत्रिमंडल विस्तार किया जाएगा। इसमें ओबीसी, ब्राह्रण के साथ ही अन्य जातियों को साधने की कोशिश हो सकती है।
प्रदेश सरकार के 19 मार्च 2017 को गठन के बाद योगी सरकार ने 22 अगस्त 2019 को मंत्रिमंडल विस्तार किया था। उस दौरान उनके मंत्रिमंडल में 56 सदस्य थे। कोरोना के चलते तीन मंत्रियों का निधन हो चुका है।
हाल ही में राज्यमंत्री विजय कुमार कश्यप की मौत हो गई थी, जबकि कोरोना की पहली लहर में मंत्री चेतन चौहान और मंत्री कमल रानी वरुण का निधन हो गया था।
पहले मंत्रिमंडल विस्तार में 6 स्वतंत्र प्रभार मंत्रियों को कैबिनेट की शपथ दिलाई गई थी। इसमें तीन नए चेहरे भी थे।