Kapil Sibal demands trial in ICC:’जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को हिला कर रख दिया। इस हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें दो विदेशी नागरिक (नेपाल और संयुक्त अरब अमीरात), भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल, और एक खुफिया ब्यूरो अधिकारी शामिल थे।
बुधवार, 23 अप्रैल को राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) में आतंकियों के खिलाफ मुकदमा चलाने और पाकिस्तान को ‘आतंकी राष्ट्र’ घोषित करने की मांग की।
सिब्बल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अपील की कि भारत इस मुद्दे को ICC में उठाए और पाकिस्तान को ‘आतंकी राष्ट्र’ घोषित करे। उन्होंने कहा, “यह जघन्य कृत्य सुनियोजित पागलपन है।
बायसरन घाटी ऊंचाई पर है, जहां वाहन नहीं पहुंच सकते, और सुरक्षाबलों को समय लगता है। आतंकियों ने AK-47 जैसे हथियारों से पुरुषों को निशाना बनाया, जो पहले से तय था।
” हालांकि, भारत ने ICC के आधारभूत समझौते ‘रोम संविधि’ पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, जिसके कारण वह ICC की कार्यवाही में औपचारिक रूप से भाग नहीं ले सकता।
हमले की जिम्मेदारी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF), लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी, ने ली, दावा करते हुए कि यह गैर-कश्मीरियों के “अवैध बसावट” के खिलाफ था। खुफिया सूत्रों के अनुसार, 8-10 आतंकी शामिल थे, जिनमें 5-7 पाकिस्तानी मूल के थे, और कुछ पुलिस की वर्दी में थे।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आतंकियों ने धर्म पूछकर गोलीबारी की। सुरक्षा एजेंसियों ने तीन संदिग्धों-आसिफ फौजी, सुलेमान शाह, और अबू ताल्हा-के स्केच जारी किए और लश्कर कमांडर सैफुल्लाह कसूरी को मास्टरमाइंड बताया।
हमले के बाद बायसरन घाटी में सन्नाटा पसरा है, दुकानें बंद हैं, और पर्यटक गायब हैं। कश्मीर घाटी में 35 वर्षों में पहली बार आतंकी हमले के विरोध में बंद रहा, जिसमें सभी संगठनों ने समर्थन दिया।
सेना, सीआरपीएफ, और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 5 किलोमीटर के दायरे में तलाशी अभियान शुरू किया, जिसमें हेलिकॉप्टर और स्निफर डॉग शामिल हैं। 100 से अधिक संदिग्धों से पूछताछ की गई, और बारामूला में घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दो आतंकी मार गिराए गए।