नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) Vinay Kumar Saxena ने कोरोना महामारी के दौरान Lockdown के नियमों का पालन नहीं करने वाले प्रवासियों के खिलाफ दर्ज मामले रद्द करने के आदेश दिए हैं।
मंगलवार को LG ने दिल्ली सरकार के अभियोजन निदेशालय द्वारा लाकडाउन नियमों का उल्लंघन करने वाले 64 प्रवासियों के खिलाफ दर्ज 15 मामलों को वापस लेने की मंजूरी दे दी है।
उन्होंने दिल्ली पुलिस को 100 से अधिक प्रवासियों से जुड़े ऐसे ही 10 मामलों में क्लोजर रिपोर्ट (Closure Report) दाखिल करने के निर्देश भी दिए हैं।
LG ने मानवीय और तर्कसंगत दृष्टिकोण अपनाते हुए कहा कि गरीब प्रवासियों द्वारा महामारी (Epidemic) से संबंधित Lockdown का उल्लंघन छोटी भूल हो सकती है जो कि उनके द्वारा अत्यधिक संकट की स्थिति में हुआ।
उन्होंने यह भी कहा कि यह निर्णय आरोपितों को अनावश्यक उत्पीड़न और इधर-उधर भटकने से बचाएगा।
उन्होंने महामारी के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में प्रवासियों की असहाय स्थिति को ध्यान में रखते हुए तथा Supreme Court के दिनांक 09 जून 2022 के आदेश के अनुरूप यह निर्णय लिया।
दिल्ली पुलिस को क्लोजर रिपोर्ट फाइल करने के आदेश दिए
महामारी के दौरान लॉकडाउन के कारण कई प्रवासियों की आजीविका (Livelihood) का साधन खत्म हो चुका था, किराया देने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे और यहां तक की उनके पास दैनिक गुजारे के लिए भी कुछ नहीं था।
आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा (51) के तहत 43 ऐसे दर्ज मामले हैं, जिनमें प्रवासियों मजदूरों ने सड़क पर निकल कर लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है।
इन 43 मामलों में से 18 मामलों का निपटारा/निर्णय संबंधित न्यायालयों द्वारा पहले ही किया जा चुका है। ऐसे 15 मामले जहां न्यायालयों में Charge Sheet दायर किए जा चुके हैं, एलजी ने अभियोजन निदेशालय द्वारा सीआरपीसी की धारा (321) के तहत अभियोजन वापस लेने के निर्देश दिए हैं।
शेष 10 मामलों में जहां उनमें सात ऐसे हैं जिनमें आरोप पत्र दाखिल किया जाना है और तीन मामलों में अभियुक्तों की पहचान नहीं हो सकी है। इन मामलों में एलजी ने दिल्ली पुलिस को क्लोजर रिपोर्ट फाइल (Closure report file) करने के आदेश दिए हैं।