नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (SC) पर दिए गए अपने बयान को लेकर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से राज्य सभा सांसद एवं वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल फंसते नजर आ रहे हैं।
सोमवार को ऑल इंडिया बार एसोसिएशन (AIBA) के अध्यक्ष आदिश अग्रवाल ने कपिल सिब्बल की टिप्पणी को अदालत की अवमानना बताया।
उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों और निर्णयों को सिर्फ इसलिए खारिज करना उनके लिए उचित नहीं है क्योंकि अदालतें उनके या उनके सहयोगियों की दलीलों से सहमत नहीं थीं।
सिब्बल न्याय व्यवस्था का एक अभिन्न अंग है
उन्होंने कहा कि कपिल सिब्बल SC बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। अगर Kapil Sibal की पसंद का फैसला नहीं दिया गया है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि न्यायिक प्रणाली विफल हो गई है।
सिब्बल न्याय (Justice) व्यवस्था का एक अभिन्न अंग हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर वह वास्तव में संस्था में भरोसा खो चुके हैं तो वह अदालतों के सामने पेश नहीं होने के लिए स्वतंत्र हैं।
उल्लेखनीय है कि पूर्व कानून मंत्री और वर्तमान में राज्यसभा MP Sibal ने अपने बयान में कहा था कि अगर आपको लगता है कि आपको SC से राहत मिलेगी, तो आप बहुत गलत हैं।
मैं यह बात सुप्रीम कोर्ट (SC) में 50 साल वकालत (Advocacy) पूरी करने के बाद कह रहा हूं। उन्होंने कहा कि देश की सबसे बड़ी अदालत से अब “कोई उम्मीद नहीं बची” है।