नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बिल्किस बानो केस के दोषियों की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर गुजरात सरकार को Notice जारी किया है।
चीफ जस्टिस NV Ramana की अध्यक्षता वाली बेंच ने दो हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इस मामले में दोषियों को भी पक्षकार बनाने का निर्देश दिया है।
याचिका CPM की नेता सुभाषिनी अली ने दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि बिल्किस बानो गैंगरेप (Gang rape) के 11 दोषियों को रिहा करना गैरकानूनी है। इन्हें 14 लोगों की हत्या का भी दोषी करार दिया गया था।
बता दें कि 27 फरवरी 2002 को गोधरा कांड के बाद पूरे गुजरात में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे। इसी के बाद 3 मार्च 2002 को अहमदाबाद से 250 किमी दूर रंधीकपुर गांव में Bilkis Banu के परिवार पर भीड़ ने हमला कर दिया था।
इस हमले में बिल्किस के 3 साल की बेटी सहित उसके परिवार के सात लोगों की हत्या (Murder) कर दी गई थी। पांच माह की गर्भवती बिलकीस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 6 अगस्त, 2004 में मामले को मुंबई ट्रांसफर कर दिया
बिलकीस बानो ने इसके अगले दिन यानी 4 मार्च 2002 को पंचमहल के लिमखेड़ा पुलिस स्टेशन में अपनी शिकायत दर्ज करायी थी।
इस घटना की शुरुआती जांच अहमदाबाद में हुई थी। CBI ने 19 अप्रैल 2004 को अपनी चार्जशीट दाखिल की थी।
इसके बाद बिल्किस बानो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर यह आशंका जाहिर की थी कि गवाहों को नुकसान पहुंचाया जा सकता है और सीबीआई के साक्ष्यों से छेड़छाड़ की जा सकती है।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने 6 अगस्त, 2004 में मामले को मुंबई ट्रांसफर कर दिया। स्पेशल कोर्ट ने 21 जनवरी 2008 को दिए अपने फैसले में 11 लोगों को दोषी ठहराया था।
इन 11 दोषियों ने अपनी सजा के खिलाफ बांबे हाईकोर्ट में अपील की थी। बांबे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने इनकी सजा बरकरार रखी थी।