बांग्लादेश में बंगबंधु की मूर्ति तोड़ने के विरोध में राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन

News Aroma Media
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ढाका:  कुश्तिया में बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की निमार्णाधीन मूर्ति को तोड़ने के विरोध में बांग्लादेश सिविल सेवा (बीसीएस) कैडर के अधिकारियों ने देशव्यापी रैली निकाली।

वे जातिर पित्तर सम्मान, राखबो मोरा ओमलान (हम राष्ट्रपिता की गरिमा को बनाए रखेंगे) के नारे के साथ अपना विरोध जता रहे थे।

शनिवार को निकाली गई इन रैलियों में गैर-कैडर सेवाओं के अधिकारी भी शामिल हुए।

इस दौरान सरकारी अधिकारियों ने राष्ट्रपिता की गरिमा को बनाए रखने की कसम खाते हुए कहा कि वे किसी को भी स्वतंत्र बांग्लादेश के वास्तुकार को बदनाम करने की अनुमति नहीं देंगे।

यह रैली गवर्नमेंट ऑफिसर्स फोरम के बैनर तले ढाका में आयोजित की गई थी।

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प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव अहमद कैकौस ने रैली की अध्यक्षता करते हुए कहा, हम प्रतिज्ञा करते हैं कि हम किसी को भी राष्ट्रपिता को अपमानित करने की अनुमति नहीं देंगे।

हम बंगबंधु की गरिमा को बनाए रखने के लिए ²ढ़ हैं।

देश के विकास और प्रगति के खिलाफ किसी भी बुरे प्रयास का हम एकजुट होकर विरोध करेंगे।

स्थानीय सरकार प्रभाग (एलजीडी) के वरिष्ठ सचिव और बांग्लादेश प्रशासनिक सेवा संघ के अध्यक्ष हेलाल उद्दीन अहमद ने कहा कि देश की स्वतंत्रता की 50 वीं वर्षगांठ के मौके पर भी मुक्ति-विरोधी ताकतें देश के खिलाफ साजिश रच रहीं है।

लेकिन हमारी भावनाएं बंगबंधु के नाम के साथ जुड़ी हुई हैं। बंगबंधु हमारी राष्ट्रीय एकता का प्रतीक हैं।

हेलाल उद्दीन ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश तेजी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन मुक्ति-विरोधी ताकतें देश के विकास को स्वीकार नहीं कर पा रहीं हैं।

बांग्लादेश पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) बेनजीर अहमद ने कहा, देश के खिलाफ किसी भी तरह के हमले को कानून के मुताबिक सख्ती से निपटा जाएगा।

हम रात के अंधेरे में बंगबंधु की मूर्ति पर हमले के जघन्य कृत्य को लेकर नि:शब्द हो गए हैं।

उन्होंने कहा कि बंगबंधु की मूर्ति पर हमला देश के संविधान पर हमला और राज्य पर हमला है।

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