नई दिल्ली: डीआरडीओ (DRDO) के सहयोग से भारतीय नौसेना ने बुधवार को सीकिंग 42बी हेलीकॉप्टर से एंटी-शिप मिसाइल की पहली फायरिंग करके भारत की एक बार फिर ताकत दिखाई।
आईटीआर, बालासोर से की गई यह फायरिंग भारतीय मिसाइल प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
मिसाइल ने हेलीकॉप्टर के लिए होममेड लॉन्चर(Homemade Launcher) सहित कई नई तकनीकों का इस्तेमाल किया।यह भारतीय नौसेना के लिए पहली स्वदेशी हवा से लॉन्च की जाने वाली एंटी-शिप मिसाइल प्रणाली है।
नौसेना के लिए पहली स्वदेशी हवा से लॉन्च की जाने वाली एंटी-शिप मिसाइल प्रणाली
भारतीय नौसेना ने मिसाइल दागने का संक्षिप्त वीडियो जारी किया है, जिसमें मिसाइल से लैस एक सीकिंग 42बी हेलीकॉप्टर ओडिशा तट से दूर बालासोर में समुद्री परीक्षण रेंज के ऊपर उड़ता हुआ दिखाई दे रहा है।
एक अन्य हेलीकॉप्टर अवलोकन के लिए उसका पीछा करता हुआ दिखाई देता है। आग लगने से पहले कुछ मीटर के लिए एंटी-शिप मिसाइल सीकिंग से अलग होकर तेजी से लक्ष्य की ओर उड़ान भरती है।
डीआरडीओ ने एक बयान में कहा कि यह भारतीय नौसेना के लिए पहली स्वदेशी हवा से लॉन्च की गई एंटी-शिप मिसाइल प्रणाली है।
मिसाइल ने नियंत्रण, मार्गदर्शन और मिशन एल्गोरिदम को मान्य करते हुए उच्च सटीकता के साथ निर्दिष्ट लक्ष्य तक पहुंचकर उसकी सभी प्रणालियों ने संतोषजनक प्रदर्शन किया।
डीआरडीओ के बयान में कहा गया है कि परीक्षण रेंज में और निकट प्रभाव बिंदु पर तैनात सेंसर ने मिसाइल प्रक्षेपवक्र को ट्रैक करके सभी घटनाओं को कैप्चर किया।
नौसेना ने ट्वीट किया कि स्वदेशी एंटी-शिप मिसाइल का परीक्षण आला मिसाइल प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
एंटी-शिप मिसाइल का परीक्षण आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
स्वदेश में विकसित नौसैनिक पोत रोधी मिसाइल का यह पहला परीक्षण है। ओडिशा में एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) में भारतीय नौसेना ने डीआरडीओ के साथ मिलकर यह परीक्षण किया है।
डीआरडीओ और भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने परीक्षण फायरिंग को देखा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बाद में डीआरडीओ, नौसेना और संबंधित टीमों को सफल परीक्षण के लिए बधाई दी।
यह मिसाइल कई नई तकनीकों से लैस है, जिसमें हेलीकॉप्टर के लिए स्वदेश में विकसित लांचर भी शामिल है। मिसाइल मार्गदर्शन प्रणाली में एक अत्याधुनिक नेविगेशन प्रणाली और एकीकृत एवियोनिक्स शामिल हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पहली विकासात्मक उड़ान परीक्षण के लिए डीआरडीओ, भारतीय नौसेना और संबंधित टीमों को बधाई दी और कहा कि भारत ने मिसाइल प्रणालियों के स्वदेशी डिजाइन और विकास में उच्च स्तर की क्षमता हासिल की है।
भारतीय नौसेना(Indian Navy) विशेष रूप से हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के समुद्री सुरक्षा हितों की प्रभावी ढंग से रक्षा करने के लिए अपनी समग्र युद्ध क्षमता में लगातार वृद्धि कर रही है।
डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने परियोजना टीम के प्रयासों की सराहना की और डीआरडीओ समुदाय को बधाई दी।