मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रवक्ता नवाब मलिक ने रविवार को नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की कार्डिलिया द इम्प्रेस क्रुज शिप पर की गई कार्रवाई पर सवाल उठाया है।
नवाब मलिक ने छापेमारी के बाद छोड़े गए लोगों का वीडियो फुटेज सार्वजनिक करने की मांग की है। नवाब मलिक ने रविवार को पत्रकारों से कहा, ‘मैंने कहा था कि एनसीबी ने क्रुज शिप से 11 लोगों को गिरफ्तार किया था।
इनमें से 8 लोगों पर मामला दर्ज किया गया था। एनसीबी ने केंद्र सरकार व भाजपा नेताओं के दबाव के बाद तीन लोगों को छोड़ दिया था। इसका वीडिया मैंने जारी भी किया था।’
मलिक ने आगे कहा कि इस आरोप के बाद एनसीबी ने कहा कि क्रुज शिप से 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, इनमें से छह लोगों को सबूत के अभाव में छोड़ दिया गया।
एनसीपी नेता ने कहा कि क्रुज शिप पर छापेमारी के बाद मीडिया की टीम वहां मौजूद थी तथा सीसीटीवी भी कार्यरत था।
इसलिए इस कार्रवाई के बाद अगर छह लोगों को छोड़ा गया, तो इसके सीसीटीवी फुटेज एनसीबी के पास होने चाहिए।
उन्होंने कहा कि एनसीबी को तत्काल छह लोगों के एनसीबी दफ्तर से निकलने वाला सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक करना चाहिए।
नवाब मलिक ने आज फिर अपना आरोप दोहराते हुए कहा कि एनसीबी की कार्रवाई भाजपा की ओर से फ्रेम की गई है, जो कि पूरी तरह से फर्जी है।
उल्लेखनीय है कि एनसीबी डिप्टी डायरेक्टर जनरल ज्ञानेश्वर सिंह व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने पत्रकारों को बताया था कि दो अक्टूबर को कार्डियल द इम्प्रेस क्रुज शिप पर छापा मारकर 14 लोगों को एनसीबी दफ्तर लाया गया था।
इसके बाद आठ लोगों पर मामला दर्ज किया गया था और छह लोगों को सबूत के अभाव में छोड़ दिया गया था।
इन आठ लोगों में शाहरुख खान का बेटा आर्यन भी शामिल है। एनसीबी के इसी बयान के बाद नवाब मलिक ने एनसीबी की कार्रवाई और बयान पर सवाल खड़ा किया है।