लाहौर: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने लाहौर में विपक्षी गठबंधन पीडीएम के आखिरी शक्ति प्रदर्शन को संबोधित किया।
इस दौरान उन्होंने पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान को देश के मौजूदा संकट का आरोपी ठहराया।
पाकिस्तानी सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी के कारण सार्वजनिक रैलियों पर रोक लगाए जाने के बाद भी पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट ने पावर शो का आयोजन किया।
एक्सप्रेस ट्रियून की रिपोर्ट के मुताबिक शहर के मीनार-ए-पाकिस्तान में आयोजित इस कार्यक्रम को पहला चरण करार दिया गया।
पिछले साल से इलाज के लिए लंदन में रह रहे शरीफ ने वहीं से वीडियो-लिंक के जरिए इस रैली को संबोधित किया।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो ने अपने भाषण में कहा कि न केवल खान देश की इस स्थिति के लिए जिम्मेदार है, बल्कि वे भी हैं जो उन्हें सत्ता में लेकर आए।
साथ ही कहा, उन्होंने देश को अभूतपूर्व मुद्रास्फीति और बेरोजगारी की ओर धकेल दिया है।
ऐसे ही रहा तो यह हालात देश की सुरक्षा को खतरे में डाल देंगे।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, शरीफ ने कहा, इस चुने गए सेट-अप से आजादी पाने का समय आ गया है।
रैली को अन्य विपक्षी नेताओं पीडीएम के संयोजक और जमीयत उलेमा इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान, पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी संबोधित किया।
8 दिसंबर को पीडीएम द्वारा इसके घटक दलों से संबंधित सभी सांसदों के 31 दिसंबर को राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानसभाओं से अपने इस्तीफे देने की घोषणा के 5 दिन बाद यह रैली हुई है।
इस्तीफों की यह घोषणा इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अंतिम प्रयास के रूप में की गई है।
पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) ने यह भी घोषणा की है कि यदि नेशनल असेंबली के स्पीकर ने संसद के निचले सदन से विपक्षी सांसदों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए तो उपचुनाव होंगे।
बता दें कि पीडीएम कोविड-19 के दौरान जिला अधिकारियों की अनुमति के बिना पूरे पाकिस्तान में सार्वजनिक रैलियां कर रहा है।
इससे पहले पीडीएम की 5 रैलियां- 16 अक्टूबर को गुजरांवाला में, 19 अक्टूबर को कराची में, 25 अक्टूबर को क्वेटा में, 22 नवंबर को पेशावर में और 30 नवंबर को मुल्तान में आयोजित की गईं थीं।