Ranchi/रांची: प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने बिहार के गया जिले में मुठभेड़ में चार नक्सलियों के मारे जाने के विरोध में 24 और 25 मार्च को दक्षिणी बिहार और पश्चिमी झारखंड को बंद करने का ऐलान किया है।
भाकपा माओवादियों ने इस संबंध में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर 16 मार्च को डुमरिया प्रखण्ड के छकरबंधा जंगल में कोबरा, सीआरपीएफ और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ को फर्जी मुठभेड़ बताया है।
पोस्टर के माध्यम से नक्सलियों ने पुलिस पर साजिश के तहत अमरेश, शिवपूजन, सीता, उदय की गोली मार कर हत्या कर दिए जाने का आरोप लगाया है।
विज्ञप्ति के माध्यम से कहा गया है कि पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की बता बताकर श्रेय लेना चाहती है। लेकिन यह नक्सली नेताओं की हत्या है मुठभेड़ नहीं है।
भाकपा माओवादियों के बिहार-झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी ने 26 मार्च के भारत बंद का समर्थन करते हुए उसे आम लोगों से भी सफल बनाने की अपील की है।
माओवादियों के विज्ञप्ति में तीनों कृषि कानूनों पर विरोध जताया गया है। बिहार-झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी के प्रवक्ता आजाद की ओर से जारी किए गए पत्र में किसानों को समर्थन देने की बात कही गई है।
भाकपा माओवादी के 24 और 25 मार्च को दक्षिणी बिहार और पश्चिमी झारखंड में बंद का ऐलान और भाकपा माओवादी द्वारा 26 मार्च को किसानों द्वारा भारत बंद को समर्थन देखते हुए बिहार-झारखंड मे अलर्ट जारी कर दिया है और चप्पे चप्पे पर नजर रखी जा रही है।
उल्लेखनीय है कि संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 मार्च को भारत बंद का आह्वान किया गया है।
भाकपा माओवादी ने किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए लिखा है कि तीनों कृषि कानून जन विरोधी हैं। इसलिए इसे रद्द करना अत्यंत आवश्यक है।
तीनों कानूनों के विरोध में किसानों ने 26 मार्च को जो बंद बुलाया है, उसका संगठन पूर्ण रूप से समर्थन करता है।