Naxalite Bachchan da Surrendered: राज्य पुलिस की आत्म समर्पण नीति नई दिशा-नई पहल के तहत शनिवार को भाकपा माओवादी के हार्डकोर नक्सली और दस लाख के इनामी 70 वर्षीय सदस्य राम दयाल महतो उर्फ बच्चन दा (Bachchan da) उर्फ नीलेश दा उर्फ अमर दा ने गिरिडीह में DIG Sunil Bhaskar और SP Dr Vimal Kumar के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
न्यू पुलिस लाइन के मीटिंग हाल में एक बड़े कार्यक्रम में पीरटांड़ थाना इलाके के पिपराडीह गांव के इस इनामी नक्सली रामदयाल महतो ने सरेंडर किया।
इस दौरान DIG और SP के साथ CRPF कमांडेंट DS भाटी और SSB कमांडेंट संजीव कुमार, SDPO सुमित प्रसाद, DSP कोसर अली ने आत्मसमर्पण करने वाले रामदयाल को माला पहना कर और दस लाख का चेक देकर मुख्यधारा से जुड़ने पर स्वागत किया।
नई दिशा-नई पहल आत्मसमर्पण नीति के तहत गिरिडीह पुलिस ने रामदयाल महतो को घर बनाने के लिए चार डिसमिल जमीन के साथ 50 हजार का नकदी भी दिया।
नक्सली संगठन को लगा बड़ा झटका
इनाम की राशि भी रामदयाल महतो (Ramdayal Mahato) को दिया गया। DIG सुनील भास्कर और एसपी ने बताया कि जोनल कमेटी के सदस्य रामदयाल महतो के खिलाफ धनबाद के तोपचांची, बरवाअड्डा के साथ गिरिडीह के पीरटाड, डुमरी, मधुबन थाना में 50 से अधिक नक्सली घटनाओं के केस दर्ज है। इस इनामी नक्सली के आत्मसमर्पण के बाद पीरटांड़ और गिरिडीह के सीमावर्ती इलाकों में नक्सली संगठन को बड़ा झटका लगा है।
उल्लेखनीय है कि रामदयाल महतो के आत्मसमर्पण में इसके बेटे ने बड़ी भूमिका निभाई है। उसने ही पिता आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया। DIG और SP ने कहा कि नक्सली अब बंदूक उठाकर थक चुके हैं। वो जानते हैं उनकी जान को बेहद खतरा है।
ऐसे में नक्क्सी अब मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। नक्सली रामदयाल महतो ने स्वीकारा कि अब नक्सली संगठन का विचार बदल चुका है। वो पहले ही आत्म समर्पण करने वाले थे लेकिन उस वक्त तक इलाके में नक्सलियों का खौफ और भय था, जिसके कारण वह हिम्मत नहीं जुटा पाया।