रांची: झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि देशभक्ति की भावना जागृत करना हो तो एनसीसी को अनिवार्य कर देना चाहिये। इसे लेकर कुछ लोगों ने उनसे मिलकर अपने विचार भी रखे थे।
एनसीसी से सेवा भाव की भावना जागृत होती है। हमारे बच्चों में अनुशासन की भावना प्रबल होती है। राज्यपाल सोमवार को राजभवन में 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित परेड कार्यक्रम में भाग लेने वाले कैडेट्स को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राज्य के लिए गौरव एवं प्रसन्नता का विषय है कि 26 जनवरी को परेड में 20 कैडेट्स ने भाग लेकर अपना और अपने प्रदेश का नाम रोशन किया है। मैं भी एनसीसी का कैडेट्स रहा हूं तथा मेरा परिवार सेना से जुड़ा हुआ है।
26 जनवरी के परेड के बाद राज्य से भाग लेने वाले कैडेट्स से मिलना चाहते थे एवं कार्यक्रम करना चाहते थे लेकिन सूचना मिली कि सभी कैडेट्स घर वापस नहीं लौटे हैं।
उन्होंने कैडेट्स से अपनी मातृभाषा और राष्ट्रभाषा का सदा सम्मान एवं प्रेम करने के लिए कहा। राज्यपाल ने कहा कि जब विदेशों में हम प्रतिनिधिमंडल में जाते हैं तो दोनों देश के सदस्य अपनी-अपनी भाषा बोलते हैं।
हमारे यहां कुछ ऐसी प्रवृत्ति भी हैं कि ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने, रेलवे क्रॉसिंग में फाटक बंद होने पर झुक कर पार होने पर बहादुरी समझते हैं, जो कि गलत है। ऐसा करने पर अभिभावकों को समझाना चाहिये।
उक्त अवसर पर एनसीसी के अधिकारियों ने राज्य में एनसीसी की गतिविधियों और कैडेट्स के चयन प्रक्रिया के सदर्भ में अवगत कराया। कैडेट्स द्वारा भी एनसीसी से जुडने के बाद जीवनशैली में आये परिवर्तन के संदर्भ में अपने अनुभव प्रस्तुत किये गये।
मौके पर राज्यपाल ने गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर मोरहाबादी में आयोजित झांकी, परेड एवं बैंड में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले को सम्मानित किया।
राज्यपाल ने झांकी में वन एवं पर्यावरण विभाग को प्रथम, सूचना एवं जन-संपर्क विभाग को द्वितीय, ग्रामीण विकास विभाग को तृतीय पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया।
परेड में सेना को प्रथम, सीआईएसएफ को द्वितीय, जैप-एक को तृतीय पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया। बैंड में सेना बैंड को प्रथम, जैप-एक को द्वितीय, जैप-दस को तृतीय पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया।