भोपाल: कोरोना के मामलों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। सामने आए आंकड़े में बीते एक दिन में 46,951 केस मिलने की बात सामने आई है।
पिछले साल आज ही के दिन यानी 22 मार्च को पीएम नरेंद्र मोदी के आह्वान पर जनता कर्फ्यू लगा था और यही महीनों चले लॉकडाउन के ट्रेलर जैसा था।
उस दौर की बात करें तो भारत में तब कोरोना ने दस्तक दी ही थी और 21 मार्च, 2020 तक 360 केस सामने आए थे।
इनमें भी 41 मामले विदेशियों के थे। उसी दौर में पीएम नरेंद्र मोदी ने जनता कर्फ्यू की अपील की थी, जिसे जनता ने पूरा सहयोग दिया था। देश भर में सड़कें पूरी तरह सूनी पड़ी थीं और लोग अपने घरों में थे ताकि कोरोना बाहर ही रहे।
लेकिन अब नई लहर पिछले साल से भी ज्यादा कहर बरपाती दिख रही है, जिसने एक बार फिर से 2020 में लगी पाबंदियों के दिनों की यादें ताजा कर दी हैं।
जनता कर्फ्यू के एक साल पूरा होने के मौके पर यह जानना जरूरी है कि आखिर कोरोना से जंग में हम कहां तक पहुंचे हैं।
पिछले साल जनता कर्फ्यू लगने से पहले तक देश में सिर्फ 360 केस थे, जो आंकड़ा अब बढ़कर 1,16,46,081 पहुंच गया है।
इसके अलावा एक्टिव केसों की बात करें तो अकेले महाराष्ट्र में ही आंकड़ा 2 लाख के पार है और देश भर में फिलहाल 3,34,646 लाख लोग कोरोना संक्रमित हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक महाराष्ट्र समेत 6 राज्यों में स्थिति चिंताजनक है और एक बार फिर से कोरोना विस्फोटक होता दिख रहा है।
मंत्रालय के मुताबिक महाराष्ट्र, पंजाब, केरल, कर्नाटक, गुजरात और मध्य प्रदेश में देश के कुल कोरोना केसों के 86 फीसदी मामले हैं।
अब तक देश भर में 1 करोड़ 16 लाख से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं, जबकि 3 लाख से ज्यादा एक्टिव केस अब भी हैं।
खासतौर पर महाराष्ट्र में ही देश भर के 60 फीसदी के करीब मामले हर दिन मिल रहे हैं। मुंबई, पुणे और नागपुर जैसे शहर कोरोना के हॉटस्पॉट बनकर उभरे हैं।
भले ही बीते साल की तरह फिलहाल किसी जनता कर्फ्यू या लॉकडाउन का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन पाबंदियों के दिन लौटते हुए जरूर दिख रहे हैं।
एक तरफ पंजाब के 11 शहरों में नाइट कर्फ्यू समेत कई पाबंदियां हैं तो राजस्थान में किसी भी बाहरी शख्स को एंट्री तभी मिलेगी, जब उसके पास कोरोना निगेटिव रिपोर्ट हो।
यही नहीं मध्य प्रदेश ने भी राजधानी भोपाल के अलावा इंदौर में नाइट कर्फ्यू लगाया है। कई राज्यों में प्राइमरी स्कूलों को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है।