रांची: राज्यपाल (Governor) रमेश बैस (Ramesh Bais) ने कहा कि आदिवासियों (Tribals) के विकास के लिए विकास भारती ने एक मॉडल विकसित किया है।
इसमें स्वास्थ्य, स्वच्छता, शिक्षा, कृषि, आय-सृजन, वन एवं जल संसाधन का संरक्षण (Conservation), ग्रामीण तकनीक एवं सामाजिक विवेक को समाहित किया गया है।
बैस गुरुवार को विकास भारती संस्था की ओर से आयोजित “शिल्पी मेला-सह-प्रदर्शनी के समापन और 40 दिन में 40 स्थान पर 40 कार्यक्रम के उद्घाटन (Inauguration) पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि संस्था के सदस्य परोपकार के मार्ग पर चलते रहें और लोक-कल्याण (Public Welfare) का कार्य करते रहें, यही मेरी कामना है।
उन्होंने कहा कि आज हमारे राष्ट्र के पास एक विशाल मानव सम्पदा है, जिसमें अधिक संख्या युवाओं की है।
इस युवा आबादी में निहित प्रतिभा को विकसित कर उनके कौशल विकास पर ध्यान देकर आर्थिक और सामाजिक विकास (Social Development) किया जा सकता है।
हर कार्यकर्ता समर्पित भाव से कार्य करें- Governor
राज्यपाल ने कहा कि समाज में जागरुकता की दिशा में संस्था के हर कार्यकर्ता समर्पित भाव से कार्य करें। राज्य में मौजूद सामाजिक कुरीतियों (Social Evils) को समाप्त करने के लिए संस्था को और सक्रिय भूमिका निभाने की जरूरत है।
जनजातीय समुदाय (Tribal Community) में शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता के आदि के साथ सरकार द्वारा उनके लिए संचालित विभिन्न योजनाओं के प्रति जागरूक करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि संस्था को अपने कार्यों से राज्य में पलायन जैसी गंभीर समस्या के निदान के लिए अपनी कोशिश की गति में और तेजी लानी होगी।
राज्य के लोगों में प्रतिभा की कमी नहीं है, जरूरत है उनके हुनर को पहचान कर उसे प्रोत्साहित (Encouraged) करने की।
मेरा विश्वास है कि विकास भारती इस दिशा में गंभीरतापूर्वक काम कर अन्य सामाजिक संस्थाओं (Social Institutions) के लिए अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करेगी।
इस मौके पर विकास भारती के संस्थापक और पदमश्री अशोक भगत सहित अन्य लोग मौजूद थे।