नई दिल्ली: सीमा विवाद को सुलझाने के लिए पूर्वी लद्दाख के चुशूल में भारत और चीन के बीच सैन्य वार्ता भले ही बेनतीजा रही और गतिरोध में समाप्त हो गई, लेकिन दोनों देशों ने शांतिपूर्ण समझौता करने के लिए बातचीत जारी रखने पर सहमति व्यक्त की है। रक्षा मंत्रालय (एमओडी) ने रविवार को यह बात कही।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों देशों ने सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत और कम्युनिकेशन जारी रखने और चर्चा को आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की है। अन्य मुद्दों के निपटारे पर जोर दिया है ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों में दोनों के संयुक्त प्रयास से शांति बनी रहे।
मंत्रालय ने बताया कि दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा से सेना को हटाने को लेकर का एक स्पष्ट, गहन और रचनात्मक विचारों का आदान-प्रदान किया।
मंत्रालय ने आगे कहा कि दोनों देश के नेताओं के बीच जो सहमति बनी है, उसको ईमानदारी से लागू किया जाएगा, जिसमें सैनिकों को संयम बरतने और गलतफहमी से बचना सुनिश्चित करना शामिल है।
मंत्रालय ने कहा, वे जल्द ही बैठक के एक और दौर के लिए सहमत हुए।
चूंकि वार्ता बेनतीजा रही, इसलिए क्षेत्र में तैनात दोनों देशों के सैनिक कड़कड़ाती ठंड में शून्य से 20 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान में रहने को मजबूर होंगे।
दोनों देशों के बीच 8वीं कोर की कमांडर-स्तरीय वार्ता शुक्रवार सुबह 9.30 बजे शुरू हुई और शाम 7 बजे समाप्त हुई। यह पहली बार था कि लेफ्टिनेंट जनरल पी.जी.के. मेनन ने भारतीय सैन्य प्रतिनिधियों का नेतृत्व किया था।
भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) क्षेत्र में सात महीने से लंबा गतिरोध बना हुआ है। कई स्तरों के संवाद के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली है और गतिरोध जारी है।