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सुप्रीम कोर्ट के जजों का किया स्टिंग ऑपरेशन, दो पत्रकारों को हुई तीन महीने की सजा

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 Supreme Court Judges Sting operation: नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने न्यायाधीशों का स्टिंग ऑपरेशन (Judges Sting operation) दिखाने के आरोप में दो पत्रकारों को सजा सुनाई है।

इन दोनों पत्रकारों को तीन महीने की सजा के अलावा 30 – 30 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इसके अलावा स्टिंग ऑपरेशन करने वाले व्यक्ति को भी सजा सुनाई गई है।

नेपाल में YouTube चैनल के दो पत्रकारों को स्टिंग ऑपरेशन दिखाने के आरोप में सोमवार को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई गई है।

Sidhakura.com के प्रकाशक युवराज कंडेल और कार्यकारी संपादक नवीन ढुंगाना को सुप्रीम कोर्ट के ही कुछ न्यायाधीश का स्टिंग ऑपरेशन का प्रसारण किए जाने के आरोप में दोषी करार दिया गया है।

यह पहली बार है जब किसी पत्रकार को स्टिंग ऑपरेशन दिखाने के मामले में दोषी करार देते हुए सजाई सुनाई गई है।

प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता में 9 न्यायाधीशों के फुल बेंच ने स्टिंग ऑपरेशन करने वाले राजकुमार तिमिलसीना को 6 महीने की सजा सुनाई है।

जबकि इसका प्रसारण करने के आरोप में पत्रकार युवराज कंडेल और नवीन ढुंगाना को 3 -3 महीने की सजा सुनाई है। अदालत ने अपने आदेश में इस स्टिंग ऑपरेशन में दिखाए गई सामग्री को ‘फेक’ बताते हुए इसे अदालत की अवमानना की संज्ञा दी है। अपने फैसले में न्यायाधीशों ने इस स्टिंग ऑपरेशन के कारण अदालत के प्रति जनता का विश्वास कम करने और अदालत तथा न्यायाधीश के बारे में अफवाह फैलाने की बात कही है।

कुछ नामचीन पत्रकारों, बिचौलिए की पूरी बातचीत रिकार्ड

इस स्टिंग ऑपरेशन में सर्वोच्च अदालत में लंबित भ्रष्टाचार के बड़े मुद्दे को मिलाने के लिए किस तरह से बिचौलिए, वकील, पत्रकार और जजों की मिलीभगत होती है उसकी पूरी बातचीत को रिकार्ड किया गया है।

इस पूरी बातचीत को ‘The Dark File’ नाम देकर Sidhakura.com में कई एपिसोड में प्रसारण किया गया था। इसमें सुप्रीम कोर्ट के कुछ जजों के अलावा कुछ नामचीन पत्रकारों, बिचौलिए की पूरी बातचीत रिकार्ड है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि इस स्टिंग ऑपरेशन (Sting Operation) को करने वाले व्यक्ति की नियत ही अदालत को बदनाम करने की दिख रही है इसलिए उसकी सजा में कोई कटौती नहीं होगी।

साथ ही स्टिंग ऑपरेशन दिखाने वाले दोनों पत्रकारों ने यदि लिखित क्षमा याचना की और आगे से दोबारा इस तरह की घटना पुनरावृति न करने की प्रतिबद्धता जाहिर करने पर तीन महीने की सजा को घटाकर एक हफ्ते में बदलने की बात कही गई है। साथ ही क्षमायाचना नहीं करने पर सजा बरकरार रहने की भी बात कही गई है।

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