नई दिल्ली: सरकार ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में न्यायिक सदस्य के रूप में चार सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए अधिसूचना जारी की है, जिनमें से प्रत्येक की नियुक्ति की तारीख वर्ष 2021 है।
शुक्रवार को जारी 21 दिसंबर, 2021 की अधिसूचना में उल्लेख किया गया है कि सभी चार नियुक्तियां राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम, 2010 (2010 का 19) की धारा 7 के साथ धारा 6 की उप-धारा (1) और (3) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए की गई हैं।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल को 6 अप्रैल, 2021 से चार साल की अवधि के लिए या जब तक वह 67 वर्ष की आयु पूरी नहीं कर लेते हैं या अगले आदेश तक के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण के न्यायिक सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।
मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम. सत्यनारायणन को 17 मई, 2021 से चार साल की अवधि के लिए या जब तक वह 67 वर्ष की आयु पूरी नहीं कर लेते हैं, तब तक के लिए या अगले आदेश तक राष्ट्रीय हरित अधिकरण के न्यायिक सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी. अमित स्टालेकर को राष्ट्रीय हरित अधिकरण का न्यायिक सदस्य नियुक्त किया गया है।
उनकी नियुक्ति 7 अप्रैल, 2021 से चार साल की अवधि के लिए या जब तक वह 67 वर्ष की आयु पूरी नहीं कर लेते, या अगले आदेश तक के लिए की गई है।
दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति बृजेश सेठी को 6 अप्रैल, 2021 से चार साल की अवधि के लिए या जब तक वह 67 वर्ष की आयु पूरी नहीं कर लेते या अगले आदेश तक के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण के न्यायिक सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।
कानूनी विशेषज्ञों ने नियुक्ति को लेकर आशंका व्यक्त की है। पर्यावरण मामलों के वकील और वन और पर्यावरण के लिए कानूनी पहल (लाइफ) के संस्थापक ऋत्विक दत्ता ने कहा, मैंने ऐसा कभी नहीं सुना है। इसका कोई तर्क नहीं है।