नई दिल्ली: देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर 08 दिसम्बर को दुर्घटनाग्रस्त होने की जांच पूरी हो गई है।
तमिलनाडु के कुन्नूर में हुई इस दुर्घटना में जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका समेत 14 लोगों की मौत हो गई थी। एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व में गठित की गई कमेटी ने अपनी जांच पूरी कर ली है जिसे कानूनी समीक्षा के बाद सरकार के सामने रखा जाएगा।
जांच रिपोर्ट में दुर्घटना का कारण खराब मौसम में चालक दल के भटकने का संकेत दिया है जिसकी वजह से सीडीएस का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था।
तमिलनाडु के कुन्नूर में 8 दिसंबर को हुई दुर्घटना में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और सशस्त्र बलों के अन्य 12 कर्मियों की जान चली गई थी।
इसके बाद वायुसेना ने एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व में ट्राई सर्विस कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का गठन किया था जिसमें सेना और नौसेना के एक-एक कमांडर को भी शामिल किया गया था।
कमेटी ने तेजी के साथ जांच शुरू की ताकि जल्द से जल्द दुर्घटना से सम्बंधित तथ्य सामने आ सकें। वायुसेना ने इसके साथ ही जांच पूरी होने तक किसी भी तरह की बेबुनियाद अटकलों से बचने की सलाह भी दी थी।
हालांकि, वायुसेना की तरफ से रिपोर्ट को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन क्रैश के कारणों की जांच कर रही कमेटी ने खराब मौसम में चालक दल के भटकने का संकेत दिया है जिसकी वजह से सीडीएस का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था।
दुर्घटना के एक माह के भीतर ही कमेटी ने त्रि-सेवा जांच पूरी करके रिपोर्ट कानूनी समीक्षा के लिए भेज दी है। इसे अंतिम रूप देने में लगभग 10 से 15 दिन लगेंगे, जिसके बाद जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी।
वायुसेना के अधिकारियों ने तमिलनाडु के पास कुन्नूर के पास दुर्घटनाग्रस्त हुए एमआई-17वी 5 हेलीकॉप्टर का फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) और साथ ही कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) दूसरे दिन ही बरामद कर लिया था।
ब्लैक बॉक्स को दुर्घटना से पहले के अंतिम क्षणों का विश्लेषण करने के लिए भेजा गया था।
हालांकि, जांच रिपोर्ट का खुलासा होने के बाद दुर्घटना के कारणों के विस्तृत विवरण का पता चल सकेगा लेकिन जांच कमेटी को पता चला है कि नीलगिरी में दुर्घटनाग्रस्त सीडीएस जनरल का हेलीकॉप्टर पायलट के पूर्ण नियंत्रण में होने के साथ ही पूरी तरह से सेवा योग्य और उसके सभी उपकरण चालू हालत में थे।
तकनीकी भाषा में इसे सीएफआईटी यानी ‘कंट्रोल्ड फ्लाइट इंटू टेरेन’ कहते हैं। इसके बावजूद दोषपूर्ण स्थितिजन्य के कारण खराब मौसम में चालक दल के भटकने से सीडीएस का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था।
जांच कमेटी ने वायुसेना और थलसेना के संबंधित अधिकारियों के बयान रिकॉर्ड किए हैं।
साथ ही उन स्थानीय लोगों से भी बातचीत की है जो इस दुर्घटना के प्रत्यक्षदर्शी थे। उस मोबाइल फोन की जांच भी की गई है, जिससे क्रैश से तुरंत पहले का वीडियो शूट किया गया था।
जांच में पाया गया है कि सीडीएस रावत के हेलीकॉप्टर एमआई-17वी5 ने सुबह 11:48 बजे सुलूर एयर बेस से उड़ान भरी। दोपहर करीब 12:08 बजे एयर ट्रैफिक कंट्रोल का इससे संपर्क टूटा।
इसके बाद स्थानीय लोग कुन्नूर के पास हेलीकॉप्टर में आग देखकर मौके पर पहुंचे और आग की लपटों में हेलीकॉप्टर के मलबे को देखा। फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।
ब्लैक बॉक्स से हेलीकॉप्टर की अंतिम उड़ान स्थिति और कॉकपिट में हुई बातचीत के बारे में डेटा मिला । ब्लैक बॉक्स के जरिये इस दुर्घटना के असली कारणों से सम्बंधित महत्वपूर्ण डेटा हासिल करने करने की कोशिश की गई है।
तमिलनाडु पुलिस ने भी कुन्नूर में दुर्घटनास्थल के आसपास ड्रोन मैपिंग करके अलग से जांच की है।