नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट अल्पसंख्यक आयोग और अल्पसंख्यक शैक्षणिक आयोग के गठन को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र का जवाब न आने पर नाराजगी जताते हुए केंद्र सरकार पर साढ़े सात हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
इस मामले पर अगली सुनवाई मार्च में होगी। भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर याचिका में कहा है कि हिंदू 10 राज्यों में अल्पसंख्यक हैं लेकिन उन्हें अब तक अल्पसंख्यक घोषित नहीं किया गया है।
याचिका में आबादी के हिसाब से राज्यवार अल्पसंख्यकों की पहचान करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि कई राज्यों में हिन्दू, बहाई और यहूदी वास्तविक अल्पसंख्यक हैं लेकिन उन्हें वहां अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त न होने के कारण अपनी पसंद के शैक्षणिक संस्थान खोलने और चलाने का अधिकार नहीं है।
याचिका में अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थान कानून के लिए राष्ट्रीय आयोग कानून 2004 की धारा 2 (एफ) की वैधता को भी चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने 28 अगस्त 2020 को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था।
आज सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का औऱ समय मांगा गया। उसके बाद कोर्ट ने साढ़े सात हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया।