नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को हैदराबाद के एक मूल निवासी की याचिका पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को नोटिस जारी किया, जिसे आईएसआईएस से कथित संबंधों के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
याचिकाकर्ता ने आतंकवादी संगठन में शामिल होने के समय नाबालिग होने का दावा किया है।
संदिग्ध अब्दुल कादिर की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की खंडपीठ ने जांच एजेंसी को इस मामले में दो फरवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
कादिर के वकील एडवोकेट मोहम्मद मोबिन अख्तर ने कहा कि उनका मुवक्किल 12 अगस्त, 2018 को उसकी गिरफ्तारी के बाद से हिरासत में है।
उन्होंने तर्क दिया कि मामले की सुनवाई पूरी होने में बहुत लंबा समय लगेगा।
इसका विरोध करते हुए एनआईए की ओर से विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) अक्षय मलिक ने कहा कि नौ गवाहों ने अभियोजन पक्ष के मामले का समर्थन किया और निचली अदालत ने उन सभी से पूछताछ की है।
इससे पहले, इसी पीठ ने अब्दुल कादिर द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्देश दिया था, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में विशेष एनआईए अदालत के 29 जनवरी, 2021 के फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें उनके मामले को किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) में स्थानांतरित करने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया था।
आरोपी का कहना है कि जब वह आतंकवादी संगठन में शामिल हुआ था, तब वह नाबालिग था।
कादिर के वकील ने पहले दावा किया था कि उनके मुवक्किल की जन्मतिथि 25 नवंबर 1999 है और उस समय उसकी उम्र 19 साल थी।