भगवान गणेश को क्यों चढ़ाया जाता है मोदक, जानें वजह

“मोदक” की बात करते ही सबसे पहला जिक्र आता है गणेशोत्सव का। हर साल भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी पर गणेश चतुर्थी को मनाया जाता है। 10 दिनों तक चलने वाले गणेशोत्सव की धूम भारत ही नहीं, दुनियाभर में देखने को मिलती है।

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GANESH UTSAV 2024: “मोदक” (Modak) की बात करते ही सबसे पहला जिक्र आता है गणेशोत्सव (Ganesh utsav) का। हर साल भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी पर गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) मनाया जाता है। 10 दिनों तक चलने वाले गणेशोत्सव की धूम भारत ही नहीं, दुनियाभर में देखने को मिलती है।

ऐसे में इस पर्व का जिक्र हो और “मोदक” की बात न हो, ऐसा भला कैसे हो सकता है? गणेशोत्सव और मोदक ये दोनों ही एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। गणेशोत्सव के साथ ही मोदक की भी डिमांड बढ़ जाती है।

घर हो या मिठाई की दुकान गणेश चतुर्थी के पावन पर्व पर सिर्फ यही बनाए जाते हैं। हम आज आपको इसके पीछे की वजह बताएंगे कि आखिर भगवान गणेश को मोदक क्यों चढ़ाया जाता है।

मोदक को लेकर अलग-अलग तथ्य

मोदक एक लोकप्रिय भारतीय मिठाई है, जिसे चावल के आटे, खोये, और चीनी से बनाया जाता है। पुराणों के मुताबिक, मोदक को भगवान गणेश की पसंदीदा मिठाई माना जाता है। हालांकि, इसको लेकर भी अलग-अलग तथ्य हैं।

एक कथा देवी अनुसुइया (Goddess Anusuiya) और भगवान शिव (Lord Shiva) से जुड़ी हुई है। पुराणों के अनुसार, देवी अनुसुइया ने भगवान शिव को अपने घर खाने के लिए आमंत्रित किया था।

माता पार्वती और भगवान शिव के साथ गणपति, देवी अनुसुइया के घर गए। इस दौरान उन्होंने सबसे पहले सोचा कि भगवान गणपति को खाना खिला दिया जाए। इसके बाद भगवान गणपति ने खाना शुरू किया। काफी देर बाद भी उनकी भूख मिट नहीं पाई।

हालांकि, जैसे ही देवी अनुसुइया ने गणपति को मोदक खिलाया तो तुरंत ही उनका पेट भर गया। इसके तुरंत बाद गणपति बप्पा ने एक डकार ली। तब से मोदक उनकी पसंदीदा मिठाई कही जाने लगी।

भगवान परशुराम से जुड़ी दूसरी कथा

एक दूसरी कथा भगवान परशुराम से जुड़ी हुई है। पुराणों के मुताबिक, भगवान शिव से मिलने के लिए भगवान परशुराम आए थे। इस दौरान भगवान शिव सो रहे थे और गणेश जी बाहर पहरा दे रहे थे।

तभी भगवान परशुराम को उन्होंने द्वार पर ही रोक दिया। इस बात से वह काफी क्रोधित हो उठे और उन्होंने भगवान गणपति के साथ युद्ध करना शुरू कर दिया। जब भगवान परशुराम ने बप्पा पर वार किया तो उनका एक दांत टूट गया।

इस कारण उन्हें भोजन करने में परेशानी होने लगी। इसके बाद माता पार्वती ने उनकी इस समस्या को दूर करने के लिए एक रास्ता निकाला। उन्होंने भगवान गणेश के लिए मोदक बनाए, जो नरम और आसानी से खाने योग्य थे। इन्हें खाकर वह बहुत प्रसन्न हुए। बताया जाता है कि तभी से यह व्यंजन उनका पसंदीदा हो गया।

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