नई दिल्ली: कृषि क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए सरकार एक साथ कई मोर्चो पर काम करेगी।
एकतरफ सरकार जहां एग्रीटेक स्टार्टअप को ड्रोन प्रौद्योगिकी से सशक्त करेगी, वहीं दूसरी ओर उसने इस क्षेत्र में कौशल विकास के लिए देश के चुनिंदा आईटीआई में इससे संबंधित कोर्स शुरू कराने का प्रस्ताव दिया है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में घोषणा की कि कुछ चुनिंदा आईटीआई में कौशल विकास के लिए संबंधित कोर्स शुरू किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि र्डोन शक्ति को बढवा देने के लिए सरकार स्टार्टअप को प्रमोट करेगी।
कई एग्रीटेक स्टार्टअप ड्रोन का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं। इनका इस्तेमाल कीटनाशकों तथा पोषक तत्वों के छिड़काव, कृषि भूमि के डिजिटलीकरण और फसलों के मूल्यांकन में होता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत जैसे कृषि प्रधान देश में ड्रोन टेक्न ोलॉजी से दक्ष कामगार तैयार करना एक क्रांतिकारी कदम है।
ऐसा अनुमान है कि देश में करीब 600 से 700 ऐग्रीटेक स्टार्टअप हैं, जो एग्री वैल्यू चेन के अलग अलग स्तर पर काम कर रहे हैं।
एसोचैम में इज ऑफ डूइंग बिजनेश की राष्ट्रीय परिषद की अध्यक्ष सुषमा पॉल बर्लिया का कहना है कि गत दो साल के दौरान कोरोना संक्रमण की वजह से कौशल विकास के लिए वुर्चअल शिक्षा एक टूल बन गई है और यह देखना सुखद है कि स्कीलिंग पोर्टल या आईटीआई के स्कीलिंग कोर्सेज सभी के लिए न्यूनतम गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं।
आरव अनमैन्ड सिस्टम के संस्थापक एपं सीईओ विपुल सिंह का कहना है कि बजट में ड्रोन टेक्नोलॉजी की क्षमता को पहचाना गया है।
ड्रोन नियम 2021, ड्रोन इंडस्ट्री के लिए पीएलआई योजना और कृषि क्षेत्र में उपयोग किये जाने वाले ड्रोन के लिए अनुदान जैसे उपायों से क्षेत्र को तेजी मिली है।
ड्रोन डिलीवरी टेक फर्म स्काई एयर मोबिलिटी के सह संस्थापक स्वप्निक जक्कमपुडी ने कहा कि ड्रोन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बजट में कई मोर्चो को कवर किया गया है जैसे कृषि में ड्रोन के इस्तेमाल को प्रोत्साहन, स्टार्टअप को नाबार्ड के फंड के जरिये सहायता प्रदान करना आदि। इससे ड्रोन इंडस्ट्री नई ऊंचाइयों को छू सकेगी।