नई दिल्ली: पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने गणतंत्र दिवस पर आईएएमसी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया।
आईएएमसी एक ऐसा संगठन है, जिसने अमेरिका द्वारा भारत को काली सूची में डलवाने (ब्लैकलिस्ट) की कोशिश की थी।
डिसइन्फोलैब ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
डिसइन्फो लैब द्वारा हाल ही में किए गए एक खुलासे के अनुसार, इस संस्था के संस्थापक शेख उबैद ने रोहिंग्या मुस्लिमों के नाम पर फंड्स जुटाए और अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआईआरएफ) में भारत को ब्लैकलिस्ट कराने के लिए लॉबिंग की थी और इसके लिए रुपये भी खर्च किए थे। ये संस्था दावा करती है कि ये अमेरिका में भारतीय मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व करती है।
कार्यक्रम की आयोजक संस्था इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (एआईएमसी) है, जिसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई व भारत में दंगे कराने की साजिश से जुड़ा बताया जा रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के लिए फर्जी खबरें फैलाने और भारत में अल्पसंख्यकों की दुर्दशा की कहानी को गलत तरीके से मजबूत करने के लिए पिछले साल आईएएमसी पर यूएपीए लगाया गया था। कलीम कवाजा जैसे आईएएमसी सदस्य तालिबान के मुखर समर्थक रहे हैं।
इमाना या आईएमएएनए का संचालन निदेशक जाहिद महमूद है, जो पाक नौसेना का पूर्व अधिकारी है। संयोग से, इमाना इस्लामिक सोसाइटी ऑफ नॉर्थ अमेरिका (इसना या आईएसएनए) से भी जुड़ा हुआ है, जो अमेरिका में एक मुस्लिम ब्रदरहुड फ्रंट है।
आईएएमसी का नेतृत्व रशीद अहमद कर रहे हैं, जो एक अन्य मोर्चे – इस्लामिक मेडिकल एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (इमाना) के कार्यकारी निदेशक (2008-17) थे। भारत में कोविड संकट के चरम पर, इमाना ने भारत की मदद करने के नाम पर धन एकत्र किया और सारा धन कथित तौर पर लूट लिया।
एएमसी के प्रमुख खिलाड़ी शेख उबैद और उनके दोस्त अब्दुल मलिक मुजाहिद ने इस्लामिक सर्कल ऑफ नॉर्थ अमेरिका (आईसीएनए) का नेतृत्व किया – जमात-ए-इस्लामी, पाकिस्तान के लिए अमेरिकी मोर्चा। रिपोर्ट में कहा गया है कि आईसीएनए के लश्कर-ए-तैयबा समेत पाक स्थित आतंकी समूहों से संबंध हैं।
आईएएमसी के संस्थापक शेख उबैद ने रोहिंग्याओं के नाम पर धन एकत्र किया और यूएससीआईआरएफ द्वारा भारत को काली सूची में डालने के लिए लॉबी फर्म एफजीआर को भुगतान किया।